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“एक बोतल में बिकने वाला सिपाही : चाकूबाजों का भगवान, थाने को बना डाला आश्रम”...

बिलासपुर 07 अगस्त 2025।बिलासपुर पुलिस महकमे में ईमानदारी की कीमत लाखों-करोड़ों नहीं, बस एक बोतल है। जी हां, शहर का एक सिपाही इतना “दरियादिल” निकला कि चाकूबाजों को बचाने के लिए हमेशा एक पैर पर खड़ा रहता है। मानो कानून-व्यवस्था नहीं, बल्कि ‘बोतल व्यवस्था’ लागू हो।

यह साहब अपने पुराने थाने को थाना कम और अय्याशी का क्लब ज़्यादा समझते हैं। अफसरों की नज़रों में यह “मॉडल पुलिसकर्मी” है, पर असल में खुद को थाना इंचार्ज से बड़ा ‘थाना मालिक’ मानते हैं।

कहते हैं, अगर कोई सहपाठी इनकी शिकायत करने की भूल कर बैठे, तो ये सिपाही ऐसा ‘जादुई भाषण’ झाड़ते हैं कि बड़े-बड़े अफसर भी इनके फैन बन जाते हैं। नतीजा शिकायतकर्ता ही विलेन और सिपाही फिर से पेट्रोलिंग का हीरो।

गजब तो ये है कि हर बार ‘चालबाज़ी बनाम चापलूसी’ की इस प्रतियोगिता में ये सिपाही ही गोल्ड मेडल जीतकर लौटता हैं। लोग कहते  है कि “अगर चापलूसी ओलंपिक खेल होती तो ये सिपाही भारत का नहीं, पूरे विश्व का चैंपियन होता।”


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