बिलासपुर 28 मई 2025।बिलासपुर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) में संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के अधिकारी और कर्मचारियों ने मंगलवार को अपने संवैधानिक और सेवा-संबंधी अधिकारों की बहाली की मांग को लेकर ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन किया। तकनीकी कर्मचारी संघ (TSA) के नेतृत्व में आयोजित इस आंदोलन में सभी जिलों से आए केवीके कर्मियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को 7 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा और चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो वे अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।
सड़क से कुलपति कार्यालय तक गूंजा कर्मचारियों का आक्रोश
भारी गर्मी और तपती धूप में प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने पैदल मार्च कर प्रशासनिक भवन की ओर कूच किया। मार्च के दौरान "कंट्रोलर हटाओ, IGKV बचाओ", "हमारे हक़ दो, वरना हड़ताल लो" जैसे नारों से परिसर गूंज उठा। कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया और घंटों तक भूखे-प्यासे वहीं डटे रहे।
7 सूत्रीय मांगपत्र में क्या हैं प्रमुख मांगे?
संघ के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखीं:
1. सेवा शर्तों एवं वेतनमान की विश्वविद्यालय समतुल्यता की बहाली।
2. NPS/OPS (नई एवं पुरानी पेंशन योजना) का पुनः क्रियान्वयन।
3. मेडिकल एवं अन्य भत्तों की पुनर्बहाली।
4. CAS (Career Advancement Scheme)/उच्च वेतनमान योजनाओं की बहाली।
5. सेवा-निवृत्ति आयु की विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार पुनः 65/62 वर्ष निर्धारित करना।
6. पेंशन, ग्रेच्युटी एवं अन्य सेवानिवृत्त लाभों की गारंटी।
7. जब तक समस्याओं का समाधान नहीं, अस्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया स्थगित करना।
8 महीने से नहीं मिला वेतन, कर्मचारियों में रोष
प्रदर्शन के दौरान कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पिछले 8 महीनों से वेतन नहीं मिला, और अब जब वेतन दिया गया, तो अनुचित रूप से कम दिया गया है, जिससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया,
> “हमारी वैध सैलरी से कम वेतन देकर हमें डिमोट किया गया है। ये नियमों के विरुद्ध है। ये वेतन नहीं, अपमान है।”
कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल से घंटों चली बातचीत
प्रदर्शन के दबाव में कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने आंदोलनकारियों को मीटिंग कक्ष में बुलाकर चर्चा की। कर्मचारियों ने विस्तार से अपनी समस्याएं रखीं। कुलपति ने आश्वासन दिया कि "मांगों पर विश्वविद्यालय द्वारा कल तक कार्यवाही संमत पत्र प्रदान किया जाएगा।
“यदि कल तक ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो संविधान के तहत राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन व हड़ताल का एलान किया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा कंट्रोलर उमेश अग्रवाल के खिलाफ फूटा। उन पर आरोप लगाए गए कि वे राज्य सरकार के अधिकारी होते हुए भी KVK कर्मियों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हैं। कर्मचारी बोले:
“आईजीकेवी के कर्मचारी होकर हमें जबरन आईसीएआर के अधीन दिखाया जा रहा है। हमारे अधिकारों से वंचित किया जा रहा है और भेदभाव का माहौल बनाया जा रहा है।”
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह विरोध केवल एक सावधानीपूर्ण चेतावनी है। यदि मांगे पूरी नहीं की गईं, तो पूरे प्रदेश में IGKV के अंतर्गत आने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारी कामबंद हड़ताल करेंगे, जिससे शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार कार्य प्रभावित होंगे।
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