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बिलासपुर का मंगला बना अवैध कॉलोनियों का अड्डा, नियमों की उड़ रही धज्जियाँ...


बिलासपुर 10 मई 2025।बिलासपुर शहर का वार्ड क्रमांक 13 स्थित मंगला क्षेत्र इन दिनों अवैध प्लाटिंग और अनधिकृत कॉलोनियों की गिरफ्त में आ गया है। प्रशासनिक निर्देश और नगर निगम की जिम्मेदारियों के बावजूद यहां कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। दीनदयाल कॉलोनी, नया पारा, धुरिपारा और बुटन बाड़ी जैसे इलाकों में तेजी से अवैध कॉलोनियों का जाल फैल रहा है। ये क्षेत्र अब बुनियादी सुविधाओं के संकट से जूझ रहे हैं, जहां न सड़क है, न नाली और न ही पेयजल की सुविधा।

बिल्डरों की मनमानी, जिम्मेदारों की खामोशी

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बिल्डर किसानों की जमीनें एग्रीमेंट के माध्यम से खरीदते हैं और फिर बिना किसी अनुमति के छोटी-छोटी प्लाटिंग कर रजिस्ट्री करवा देते हैं। इन कॉलोनियों में मुरुम डालकर नकली सड़कों की व्यवस्था दिखाई जाती है और फिर बिना किसी बुनियादी ढांचे के प्लॉट बेच दिए जाते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि प्लॉट बेचने के बाद बिल्डर गायब हो जाते हैं। रहवासी जब मकान बनाकर बसने लगते हैं तो उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए पार्षद और नगर निगम के दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

पार्षद ने जताई चिंता, कार्रवाई की मांग

इस संबंध में वार्ड पार्षद ने भी चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि वह लगातार वार्ड में भ्रमण करते हैं और देखते हैं कि दीनदयाल कॉलोनी, धुरिपारा और बुटन बाड़ी जैसे इलाकों में अवैध प्लाटिंग तेजी से हो रही है। बिल्डर बिना अनुमति के जमीन काटकर बेच रहे हैं। न तो रेरा कानून का पालन किया जा रहा है और न ही नगर एवं ग्राम निवेश (टीएनसीपी) से कोई स्वीकृति ली जाती है।

पार्षद ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों की जांच के लिए पटवारी और राजस्व विभाग को सक्रिय किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

जनता को नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं

मंगला क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि वे बिजली, पानी, सड़क और नाली जैसी सुविधाओं के लिए सालों से परेशान हैं। नगर निगम की सीमा में होने के बावजूद यहां सरकारी योजनाओं का कोई असर दिखाई नहीं देता। रहवासी कहते हैं कि जब समस्या लेकर पार्षद या अधिकारियों के पास जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि यह कॉलोनी अवैध है, इसलिए विकास कार्य नहीं कराए जा सकते।

नए कलेक्टर ने दिखाई तत्परता

हाल ही में जिले में पदभार संभालने वाले नए कलेक्टर ने इस मसले पर गंभीर रुख अपनाया है। उन्होंने संबंधित विभागों से रिपोर्ट तलब की है और जल्द कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है। हालांकि, ज़मीनी स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्यवाही नज़र नहीं आई है। लोगों की उम्मीदें प्रशासन पर टिकी हैं कि कब इन अवैध कॉलोनियों पर लगाम कसी जाएगी और कब उन्हें बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी।

सवाल यह है...

क्या प्रशासन केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहेगा?

क्या नगर निगम और राजस्व विभाग संयुक्त अभियान चलाकर इन कॉलोनियों पर कार्रवाई करेगा?

कब मिलेगी मंगला की जनता को सड़कों, पानी और नालियों जैसी बुनियादी सुविधाएं?


फिलहाल, मंगला क्षेत्र के हजारों रहवासी अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और जिम्मेदार विभागों की निष्क्रियता उन पर भारी पड़ रही है।

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