बिलासपुर 28 दिसम्बर 2024।बिलासपुर सरकंडा क्षेत्र के चिल्हाटी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में प्रभारी प्राचार्य मनोज चंद्राकर (45) की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पूछताछ में सामने आया कि प्राचार्य ने युवक को पार्टी के बहाने बुलाकर कुकर्म किया था। इसी गुस्से में युवक ने प्राचार्य की हत्या कर दी। हत्या के बाद वह प्राचार्य की बाइक लेकर फरार हो गया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर बाइक जब्त कर ली है।
एएसपी उदयन बेहार ने जानकारी दी कि मनोज चंद्राकर, जो सरकंडा के चिल्हाटी क्षेत्र में रहते थे, का शव उनके मकान में गुरुवार की शाम बरामद हुआ था। शव के पास से कोई सुराग न मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि मृतक की बाइक गायब थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें एक युवक बाइक चलाते हुए रेलवे स्टेशन की ओर जाता दिखा। युवक का चेहरा स्पष्ट नहीं था, लेकिन जांच को आगे बढ़ाया गया।
डोंगरगढ़ से पकड़ा गया आरोपित
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी इनपुट के आधार पर जांच जारी रखी। पता चला कि युवक डोंगरगढ़ की ओर भाग रहा है। पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर बलौदाबाजार जिले के खम्हारडीह निवासी हरीश कुमार पैकरा (24) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार करते हुए घटना की पूरी कहानी बताई।
पार्टी के बहाने कुकर्म, फिर हत्या
हरीश ने बताया कि 23 दिसंबर को रेलवे स्टेशन पर उसकी पहचान मनोज चंद्राकर से हुई थी। बातचीत के दौरान हरीश ने उन्हें अपनी परेशानी बताई थी कि बड़े भाई के तानों से नाराज होकर वह घर छोड़ चुका है और रेलवे स्टेशन पर रह रहा है। मनोज ने उसे घर चलने का सुझाव दिया, लेकिन वह मना कर दिया। अगले दिन प्राचार्य ने उसे पार्टी के लिए बुलाया। पार्टी के दौरान नशे की हालत में मनोज ने हरीश के साथ कुकर्म किया। जब नशा उतरा, तो गुस्साए हरीश ने तवे से वार कर प्राचार्य की हत्या कर दी।
हत्या के बाद भागने की कोशिश
हत्या के बाद हरीश ने प्राचार्य की बाइक ली और रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां से वह डोंगरगढ़ चला गया। माता बम्लेश्वरी के दर्शन के बाद वह महाराष्ट्र भागने की योजना बना रहा था। लेकिन, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी इनपुट के आधार पर डोंगरगढ़ में ही उसे पकड़ लिया।
बड़े भाई के तानों से घर छोड़ा था
पूछताछ में हरीश ने बताया कि वह फौज में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। उसका बड़ा भाई, जो खुद फौज में है, छुट्टी पर घर आया था। उसने हरीश को ताने दिए कि वह कोई काम नहीं करता। इससे आहत होकर हरीश घर छोड़कर भाग गया और रेलवे स्टेशन पर रहने लगा। वहीं उसकी मुलाकात प्रभारी प्राचार्य मनोज चंद्राकर से हुई।
टीम की सक्रियता से हुआ खुलासा
इस जटिल मामले को सुलझाने में पुलिस की विशेष टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम में एएसपी राजेंद्र जायसवाल, एएसपी अनुज कुमार, एएसपी उदयन बेहार, सीएसपी सिद्धार्थ बघेल, सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय, एसआई कृष्णा साहू, प्रधान आरक्षक प्रमोद सिंह, आरक्षक विवेक राय, राकेश यादव सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे।
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