बिलासपुर 24 अक्तूबर 2024।बिलासपुर कोटा क्षेत्र के गनियारी गांव में अवैध शराब बिक्री की लगातार बढ़ती समस्या पर ग्रामीणों की शिकायत के बाद पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। हालांकि,कोटा थाना प्रभारी पर आरोप लग रहे हैं कि मोटी रकम लेकर इन आरोपियों को मामूली कार्रवाई के बाद छोड़ दिया गया है। इस घटना ने ग्रामीणों में नाराजगी पैदा कर दी है, और अब वे इस मामले को उच्च अधिकारियों तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
अवैध शराब का गढ़ बना गनियारी
गनियारी गांव, जो कोटा क्षेत्र में स्थित है, अवैध शराब व्यापार का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है। यहां के ग्रामीणों के अनुसार, अवैध शराब की बिक्री इस कदर बढ़ गई है कि गांव के बच्चे और युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस नशे की लत ने गांव में सामाजिक और पारिवारिक स्थिति को बिगाड़ दिया है, जिससे लोग गहरी चिंता में हैं। ग्रामीणों ने इस अवैध गतिविधि की कई बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायतों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
ग्रामीणों के बार-बार आग्रह करने पर कोटा पुलिस की एक टीम ने हाल ही में गनियारी गांव में दबिश दी थी, इस दबिश के दौरान पुलिस ने तीन लोगों को अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया था,उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध शराब भी जब्त की गई थी, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इन शराब कोचियों को पुलिस ने मामूली कार्रवाई के बाद ही छोड़ दिया। ग्रामीणों के अनुसार, पुलिस तीनों आरोपियों को थाने ले गई थी, जहां उनसे बड़ी रकम लेकर उन्हें छोड़ दिया गया है, इस घटना से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ अवैध शराब का नहीं है, बल्कि इसमें कोटा पुलिस की मिलीभगत और भ्रष्टाचार भी शामिल है। ग्रामीणों का आरोप है कि शराब कोचियों से मोटी रकम लेकर उन्हें छोड़ दिया गया।
ग्रामीणों का आक्रोश, अधिकारियों से करेंगे शिकायत
गांव के लोगों ने पुलिस के इस रवैये की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि जब तक पुलिस और प्रशासन अवैध शराब के व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक गांव की समस्या हल नहीं होगी। ग्रामीणों ने कोटा थाने के अधिकारियों पर भी आरोप लगाया कि वे जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं और अवैध शराब व्यापार को संरक्षण दे रहे हैं। गांव के लोग अब इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों के पास जाने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि वे इस घटना की शिकायत जिला स्तर के पुलिस अधिकारियों से करेंगे और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। ग्रामीण चाहते हैं कि जिन पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को छोड़ा है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
अवैध शराब से गांव में बिगड़ती स्थिति
गनियारी में अवैध शराब की बिक्री न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन रही है, बल्कि गांव के सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर रही है। युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है। गांव में पारिवारिक कलह और अपराधों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अवैध शराब के कारोबार पर जल्द ही अंकुश नहीं लगाया गया, तो गांव में स्थिति और बिगड़ सकती है। इस घटना के बाद गनियारी के लोग पुलिस और प्रशासन के प्रति अविश्वास की भावना से भर गए हैं। उन्हें अब इस बात का डर है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह अवैध व्यापार और भी बढ़ सकता है और इसके नतीजे बेहद गंभीर हो सकते हैं।
पुलिस और आबकारी के लिए बनी चुनाैती
यह मामला पुलिस और आबकारी विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती है। ग्रामीणों की मांग है कि पुलिस भ्रष्टाचार को समाप्त कर निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करे। अगर इस मामले की सही तरीके से जांच होती है और दोषियों को सजा मिलती है, तो न केवल गनियारी बल्कि आसपास के अन्य गांवों में भी अवैध शराब के व्यापार पर अंकुश लग सकता है। प्रशासन को इस मामले में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि ग्रामीणों का पुलिस और कानून व्यवस्था पर विश्वास बना रहे।
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