व्यापार विहार शराब दुकान
बिलासपुर शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा देने तमाम कोशिशें हुई इसके तहत केंद्र एवं राज्य की साझेदारी से अरबों रुपए खर्च कर इसे स्वच्छ सुंदर बनाने की कोशिश चल रही है। कई अधिकारी इसमें अपने अथक प्रयासों को झोंक रहे हैं, वही जिले के कुछ अधिकारी इस योजना को सफल नहीं होने देने की जैसे कसम खा रखे हैं।
स्वदेशी शराब दुकान सी एम डी कॉलेज रोड
उन्हीं में हैं एक आबकारी विभाग, अब आप इस विभाग के अधिकारियों की करामात देखिए की जिन जिन स्थानों पर विभाग के शराब दुकान संचालित हो रहे हैं वहीं निजी चखना सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। शराब दुकान के कैंपस पर शराब पीने वाले पीने वालों की संख्या तमाम होती है जो प्लास्टिक के डिस्पोजल, पानी पाउच, पानी की बोतलें इत्यादि को कैंपस में ही उपयोग के बाद फेंक देते हैं। अब इसका निबटान करे कौन ? आलम यह है कि आप यहां से गुजरना तो दूर इसकी बदबू तक नहीं बर्दास्त कर सकते। इतनी गंदगी पसरी हुई है। इन कचरों को हटाने की जिम्मेदारी लेने कोई तैयार नहीं। ज्ञात हो कि शहर में संचालित स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा निस्वार्थ भाव से समय समय पर सफाई कार्य किया जाता है।
पुराना बस स्टैंड शराब दुकान
आबकारी विभाग के अधिकारी इस संबंध में मौन हैं। फोन उठाना पसंद नहीं करते। जहां से करोड़ों रुपए की कमाई प्रतिदिन हो रही है उसी स्थान पर फैली यह गंदगी लोगों को लोगों को बीमार कर रही है इस ओर पर्यावरण संरक्षण मंडल के साथ जिला प्रशासन को भी ध्यान देने की जरूरत है। इनके अधिकारियों द्वारा स्वत संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाते हुए कठोर से कठोर कार्यवाही करते हुए कचरे के निपटान और प्रबंधन का उचित इंतजाम किया जाना चाहिए।
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