Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

नारायणपुर पुलिस ने ओरछा एलओएस कमांडर दीपक पल्लो के ख़ास और एक लाख रुपये का ईनामी नक्सली, मिलिशिया कमांडर सोमारू पोड़ियाम ऊर्फ़ बली पोड़ियाम को किया गिरफ़्तार....

नारायणपुर 12 फरवरी 2022।पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज  सुन्दराज पी. के निर्देशन में संचालित किए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक गिरिजा शंकर जायसवाल की सूचना पर कार्यवाही करते हुए आज शनिवार को डीआरजी नारायणपुर ने मिलिशिया कमांडर सोमारू पोड़ियाम ऊर्फ़ बली पोड़ियाम को गिरफ़्तार किया है। पुलिस अधीक्षक नारायणपुर को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि भठबेडा मिलिशिया कमांडर सोमारू पोड़ियाम ऊर्फ़ बली पोड़ियाम अपने घर भठबेडा आया है।
पुलिस अधीक्षक गिरिजा शंकर जायसवाल ने सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए शुक्रवार की देर शाम डीआरजी टीम को ओरछा से रवाना किया था। आज शनिवार को डीआरजी टीम सोमारू पोड़ियाम के घर की घेराबंदी करने जा रही थी इसी दौरान एक आदमी घने जंगलों में छिपते हुए भागने का प्रयास कर रहा था। संदेह के आधार पर डीआरजी जवानों ने पकड़कर नाम पूछा तो ये ग्रामीण होने की बात कहकर टालमटोल कर रहा था। जिससे पूर्व में नक्सली संगठन में काम कर चुके जवानों द्वारा उसकी पहचान की गई तथा उसे उसके नाम से पुकारने पर उसने अपना नाम सोमारू पोड़ियाम होना स्वीकार किया। फिर विस्तृत पूछताछ करने पर सोमारू पोड़ियाम ने खुद को मिलिशिया कमांडर बताते हुए कई नक्सल अपराध में शामिल होना बताया, जिसमें (1) 2016 में इकुल, बीजापुर में डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा की संयुक्त पार्टी के साथ मुठभेड़ में शामिल होना। (2) 2019 में भठबेडा के जंगल मे डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में शामिल होना, जिसमें एसटीएफ के एक जवान घायल हुआ था। (3) 2020 में गोदाड़ी के पास पुलिस पार्टी से मुठभेड़ में शामिल होना, जिसमें जवान संतु राम वड्डे शहीद हुआ था जिसमे शामिल होना काबुल किया। उसके बाद डीआरजी नारायणपुर द्वारा मिलिशिया कमांडर सोमारू पोड़ियाम ऊर्फ़ बली पोड़ियाम को गिरफ़्तार किया गया।

उल्लेखनीय है कि मिलिशिया कमांडर सोमारू पोड़ियाम ऊर्फ़ बली पोड़ियाम नक्सली कमांडर पाली के कहने पर वर्ष 2006 (13 साल की उम्र) में लखमु वेट्टी और कोपा कोयाम के साथ नक्सलियों की बाल संघ में शामिल हुआ तथा बाद में कृषि शाखा आलबेड़ा में काम किया। उसके बाद वर्ष 2009 में नक्सली कमांडर दीपक पल्लो ने इसे भठबेडा मिलिशिया में शामिल किया और इसके कार्य से प्रभावित होकर लगभग छः महीने के भीतर 2009 में ही मोटू कोर्राम को हटाकर इसे भठबेडा मिलिशिया कमांडर बना दिया। सोमारू पोयाम नक्सली संगठन में 12 बोर बंदूक रखता था।

Post a Comment

0 Comments