बिलासपुर 16 अक्टूबर 2021।बिलासपुर ट्रेनों की सेफ्टी के तौर पर रेलवे नया नया नियम आए दिन लागू करता रहता है लेकिन जब रेलवे ही नियम लागू करके उसका परिपालन नहीं कर पाता तो आखिर उसका जिम्मेदार कौन होगा।
हम बात कर रहे हैं उन हजारों यात्रियों की जो ट्रेन में सफर करते हैं और उनके खाने की व्यवस्था करने के लिए ट्रेन में पैंट्री कार लगाया जाता है बड़ी मात्रा में गैस सिलेंडर होने की वजह से सेफ्टी का भी खास ध्यान रेलवे को रखना होता है लेकिन इन दिनों रेलवे की लापरवाही जग जाहिर होती नजर आ रही है।बंगाल से महाराष्ट्र जाने वाली ट्रेनों की स्थिति तो बद से बदतर हो चली है सुरक्षा के नाम पर उपयोग तिथि समाप्त हो चुके अग्निशामक यंत्रों को आज भी आपातकालीन स्थिति के लिए रखा गया है।
इतना ही नहीं काम चोरी छुपाने के लिए इनमें लिखे एक्सपायरी डेट को भी मिटा दिया गया है।पैंट्रीकार का ठेकेदार से जब इस विषय पर पूछा जाता है तो उनका जवाब साफ-साफ रहता है कि,इस मामले में हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती जो करना है रेलवे को करना है लेकिन रेलवे के अधिकारी भी इस संबंध में जवाब नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि पूरे देश में चलने वाली नेटवर्क को किसी एक स्थान से संचालित कर पाना मुश्किल होता है लेकिन जिस तरह सुरक्षा के नाम पर रेलवे इन दिनों यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है वह कभी भी भयावह रूप ले सकता है। हावड़ा से चलकर अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन पर जब सेफ्टी के इंतजाम देखे गए तो रेलवे की पोल खुल गई, कोरोना का नाम लेकर रेलवे जहां लगातार किराए में इजाफा कर रही है वही सेफ्टी के नाम पर उनकी नियत कहीं भी साफ नजर नहीं आ रही है।इधर ट्रेनों में पेंट्री कार वालों ने भी जमकर लूट मचा रखी है ट्रेन में चलने वाले पैंट्रीकार मैनेजर को यह भी नहीं पता कि खाने पैक के पैकेट का बिल कितना है तो वही निम्न स्तर का खाना भेजकर पेंट्रीकार वाले ने जमकर यात्रियों को लूटने में लगे हुए हैं।
0 Comments