बिलासपुर 16अक्टूबर 2021।बिलासपुर दुनिया छोडने के बाद सभी का सामान अधिकार होता है, कि उसकी अंतिम विदाई सम्मानजनक हो, वो फिर कही का राजा हो या रंक,लेकिन कई बार ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जो अंदर तक झकझोर कर रख देती है।
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के रेलवे स्टेशन और जोन मुख्यालय में ऐसी ही संवेदनहीनता देखने को मिली जो यह पूछने पर मजबूर कर देती है कि क्या किसी की अंतिम विदाई से पुलिस को कोई मतलब नहीं है, और क्या पुलिस वालों का काम ऐसा हो गया है कि उनके अंदर की मानवता मर गई है।बिलासपुर रेलवे स्टेशन में भीख मांग कर जीवन यापन करने वाली एक महिला की लाश आज जीआरपी पुलिस को सुबह मिली जिसके बाद उन्होंने इस तरह की लापरवाही दिखाई की जितनी भी आलोचना की जाए वह कम होगी।
मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर रेल्वे स्टेशन में भीख मांगकर जीवन यापन करने वाली महिला की जीवन लीला आज समाप्त हो गई।उनकी आत्मा भले ही परमधाम को सिधार गयी हो, लेकिन मृत शरीर को जीआरपी पुलिस की असंवेदनशीलता का कहर भुगतान बाकी था, जीआरपी में एसआई राठौर ने बताया कि, मृतक के मामले का जांच अधिकारी प्रधान आरक्षक देव सिंह नेताम है। असंवेदनशील प्रधान आरक्षक नेताम ने मृत महिला के शव को कपड़े में लपेटकर जीआरपी थाने के प्रांगण में चींटियों के लिए छोड़ दिया,जैसे ही मीडिया के कैमरे की नज़र लाश पर पड़ी तो थाने में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं थाना प्रभारी की अनुपस्थिति में चार्ज सम्भाल रहे सब इंस्पेक्टर राठौर ने जवाब देने से मना करते हुए कहा कि,इस घटना की मुझे जानकारी नहीं है।वहीं जीआरपी के प्रांगण में सुबह से पड़ी हुई लाश पर चीटिंयां लग चुकी थी।जैसी ही हमने वीडियो बनाने की कोशिश की तो जांच प्रभारी मौके पर पहुंच गए और कहने लगे कि, शव ले जाने वाली गाड़ी यहां गई थी,वहां गई थी।
मीडिया के द्वारा जब शव की शिनाख्त की जानकारी मांगने पर प्रधान आरक्षक ने साफ इंकार कर दिया और अपने साथियों से कहने लगे कि जो छापना है छापने दो, इसके बाद आनन फानन में पुलिस वालों द्वारा गाड़ी को बुलाया गया और गाड़ी में शव को डालकर ले जाया गया।इस सबके बीच सबसे बड़ी बात यह रही कि,थाने में न तो कोई जवाबदारी में और न तो कोई जिम्मेदारी में जो थे वो अपना पल्ला झाड़कर भागते नज़र आये।
0 Comments