ज्ञात हो कि 2 दिन पूर्व ही बिलासपुर कलेक्टर के आदेश पर जिले को अनलॉक किया गया है, किंतु इसमें कुछ शर्तें रखी गई है । सामाजिक दूरी, मास्क पहनने एवं कंटेनमेंट जोन में जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके बावजूद भी लोग अपने एवं अपने लोगों की परवाह किए बिना कोटा स्थित डेम में सपरिवार नहाने और फोटो खिंचवाने के लिए गए हुए थे । सार्वजनिक स्थल पर ना ही कोई विभाग प्रमुख या कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था।
जबकि जिलाधीश ने स्पष्ट निर्देश दिया हुआ है की कोई भी व्यक्ति सामाजिक दूरी एवं मास्क पहनने से लेकर कोरोना बीमारी से बचने के उपाय करें। साथ ही अन्य को भी इस हेतु प्रेरित करें। हालांकि यह जिम्मेदारी प्रशासन और विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की है उसके बावजूद भी इनका अनुपस्थित रहना इस बात का द्योतक है कि यह अपनी जिम्मेदारी के प्रति कर्तव्यनिष्ठ नहीं है।
इन्होंने ना आमजनों को उक्त जानकारी दी ना ही चेताया भविष्य में इसके बहुगामी परिणाम सामने आने की संभावना जान पड़ती है। कोरोना संक्रमण काल में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक एवं प्रशासन विभाग के आला अधिकारी समय-समय पर दिशा निर्देश जारी करते हैं किंतु इन दिशा निर्देशों का सही रूप से क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर विभाग के अन्य कर्मचारी नहीं करते।
यही वजह है कि बीमारी का प्रसार हमारे प्रदेश छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहा है यदि अब भी ध्यान न दिया गया तो यह बीमारी वृहद रूप ले लेगी।
यदि समय रहते विभाग के मुखिया एवं अधिकारी-कर्मचारियों को सतर्क रहना होगा एवं आम जनों को भी सतर्क करना होगा ताकि कोई अप्रिय घटना जिले में ना होने पाए। जिलाध्यक्ष के आदेशों का पूर्णतः पालन करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
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