विश्व के लगभग सभी देश इस बिमारी से लड़ाई में अपने-अपने स्तर पर लगे हुए हैं। कोरोना संक्रमित इन देशों में में सम्पूर्ण लॉक डाउन का आदेश जारी है। उन देशों की अर्थव्यवस्था, आर्थिक गतिविधिया, व्यापार व्यवसाय , इत्यादि ठप्प पड़ गए।
वहीं चीन में कुछ समय पश्चात आर्थिक गतिविधियां जैसे कि व्यवसाय, रेस्टोरेंट्स, माल इत्यादि पुनः संचालित होने लगे खबर तो यहां तक है कि चीन अपने आप को विश्व केसभी देशों में महाशक्ति के रूप में प्रकट करना चाहता है। जहां विश्व के अन्य देश कोरोना महमामरी से जूझ रहे हैं और अपने-अपने देशों में लॉक डाउन किए हुए हैं। वहीं चीन में आर्थिक, व्यावसायिक और सैनिक में गतिविधियां सुचारू रूप से चालू हैं।
ज्ञात हो कि फरवरी महीने के सन 2020 से कोरोना वायरस का पता चला था। लेकिन चीन ने इस वायरस के बारे में अन्य देशों को नहीं बताया। धीरे धीरे इस कोरोना वायरस का प्रकोप विश्व के लगभग 200 देशों में फैल गया।
हर देश अपने लोगों को सुरक्षित करने के लिए कोरोना वायरस से जंग लड़ने में ही उलझ गए। वहीं चीन की आर्थिक व्यवसाय व सैन्य गतिविधियां सुचारू रूप से कुछ समय बाद शुरू हो गई। इसी बात से पता चलता है कि चीन न केवल अपने आपको विश्व में महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि महाशक्त बनना चाहता है।
यहां यह बताना लाजमी होगा की इसी कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे देशों ने अवसर का लाभ उठा लिया है अब उन देशों ने अपने-अपने स्तर पर मेडिकल साइंस से लेकर घरेलू उत्पाद और अन्य अति आवश्यक सामानों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में भारत देश सबसे अग्रणी हो गया है भारत में अब लोकल और वोकल पर जोर दिया जाने लगा है। मतलब साफ है की स्वदेशी अपनाएं देश बचाएं। इसी तर्ज पर देश के प्रधानमंत्री ने जनता से आव्हान किया है कि अब वक्त आ गया है कि हम अपने ही घरों पर अपनी आवश्यकताओं की चीजों का उत्पादन करें एवं अन्य लोगों को भी अपने उत्पाद से अवगत कराएं।
ताकि हमारे स्वदेशी वस्तुओं का उपभोग एवं उपयोग हमारे साथ हमारे देश की जनता भी करें एवं उन वस्तुओं का निर्यात जरूरतमंद देशों पर किया जाए हमें इस वक्त आत्मनिर्भर होकर घर के जरूरत की सभी उपयोगी वस्तुएं तैयार करनी चाहियें।
अपनी जरूरत के साथ अन्य जरूरतमंदों की भी आवश्यकताओं को पूरा करना ही हमारी सच्ची देशभक्ति का प्रतीक होगा।
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