अपनी ही जान के साथ खिलवाड़ करने वाले ये बुद्धिजीवी और डिज़ाइनर लोग ये नहीं समझ रहे हैं कि कोरोना महामारी कभी भी उनको संकट में डाल सकती है। उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ छोटे पुलिस कर्मियों और नए भर्ती हुए एसपीओ पर धाक जमाना होता है। सम्पूर्ण देश, राज्य, पुलिस व प्रशासन इस संकट से लड़ाई में जुटा है। वहीं ये चंद लोगों ने कोरोना महामारी को मजाक बना दिया है। बाकायदा कार या बाइक में आकर चौक-चौराहों पर खड़े अदने कर्मियों पर रौब दिखाते आसानी से दिख जाते हैं। पर यही लोग उनकी जगह पर खड़े होकर देशसेवा का साहस नहीं दिखा पाते। ये वो महामारी है जो धनी-निर्धन, जात-पात, धर्म व समाज पूछकर नहीं आती। ये वो अदृश्य शत्रु है जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है।
ऐसे ही कुछ चन्द लोग अपने साथ-साथ अन्य लोगों की भी जान को जोखिम में डाल रहे हैं। अपनी जान की परवाह किये बगैर ऐसे लोगों को महामारी से बचाने व जागरूक करने वाले कोरोना योद्धाओं पर अपने पद का रौब झाड़ते हुए सिगरेट का धुआं उड़ाने में इन्हें आनंद की प्राप्ति होती है। ज्ञात हो कि ऐसे लोगों का उद्देश्य समाचार संकलन ना होकर सिर्फ घूमने फिरने का शौक़ पूरा करने का होता है। इसके बाद ये अवांछित कलमकार जो शासन के नियमों से भी अनभिज्ञ होकर खुद को पावरफुल और वरिष्ठ समझने की मनोदशा रखते हैं।
शासन -प्रशासन को ऐसे लोगों पर लगाम लगाने नए ढंग से पेश आना ही होगा। बेवजह केवल रौब झाड़ने वाले इन डिज़ाइनर लोगों पर रोक लगाने ठोस कदम उठाने होंगे।
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