बिलासपुर 16 जून 2028।बिलासपुर ऑनलाइन
"पिता" – एक ऐसा शब्द जो सुरक्षा, अनुशासन, प्रेम और आत्मबल का प्रतीक है। इसी भावना को सजीव करने के उद्देश्य से सामाजिक संगठन "परिवर्तन – एक आशा की किरण" द्वारा ऑनलाइन फादर्स डे सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न कोनों से लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन न केवल तकनीक के माध्यम से जुड़ाव का एक सुंदर उदाहरण था, बल्कि यह भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक मंच भी बन गया।
कार्यक्रम का सफल आयोजन संस्था की सक्रिय सदस्यों किरण पाठक और प्रीति ठक्कर द्वारा किया गया। उन्होंने इस कार्यक्रम को एक भावनात्मक यात्रा का स्वरूप दिया, जिसका मुख्य उद्देश्य था – पिताओं के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और प्रेम को उजागर करना।
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की। अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आए इन प्रतिभागियों ने अपने अनुभव, यादें, कविताएं, गीत और भावनात्मक संदेश साझा किए, जिससे यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक आत्मीय अनुभूति बन गया।
कार्यक्रम के दौरान कई प्रतिभागियों ने पिताओं को समर्पित कविताएं प्रस्तुत कीं। इन्हीं में से एक हृदयस्पर्शी कविता ने सबका ध्यान खींचा:
> "पापा की मुस्कान, दिल को छू जाए,
उनकी बातें, जीवन को नया सिखाए।
पापा का प्यार, हमें मजबूत बनाता है,
उनका आशीर्वाद, हमें आगे बढ़ने का साहस देता है।"
इस कविता ने हर उस व्यक्ति के दिल को छुआ, जिसने कभी अपने पिता की उंगली पकड़कर चलना सीखा था।
इस आयोजन की एक विशेषता यह रही कि यह उन लोगों के लिए भी एक संवेदनशील मंच बना, जिनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं।
उन प्रतिभागियों ने भावनाओं से भरे अपने अनुभव साझा किए, जिन्हें शब्दों में पिरोना आसान नहीं था। लेकिन यह मंच उनकी आवाज़ बना — उनके दिलों में दबी बातें, अधूरी यादें और पापा को कहे बिना रह गए शब्द इस मंच पर खुलकर सामने आए.
ऑनलाइन माध्यम से आयोजित यह फादर्स डे कार्यक्रम इस बात का प्रतीक बना कि भावनाओं के आदान-प्रदान के लिए स्थान या मंच की सीमाएं कोई मायने नहीं रखतीं। यह आयोजन एक आदर्श उदाहरण बन गया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म भी रिश्तों को सहेजने और मन से मन जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं।
आयोजक किरण पाठक और प्रीति ठक्कर ने बताया कि संस्था ‘परिवर्तन – एक आशा की किरण’ न केवल सामाजिक सरोकारों से जुड़ी गतिविधियों में संलग्न है, बल्कि वह भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिए भी इस प्रकार के आयोजन करती रहती है। फादर्स डे पर यह आयोजन एक सकारात्मक पहल है, जिससे लोगों को अपने भीतर की भावनाओं को साझा करने का अवसर मिला।
इस ऑनलाइन फादर्स डे सेलिब्रेशन ने यह सिद्ध कर दिया कि पिता केवल एक संबंध नहीं, बल्कि एक संवेदना हैं – जो जीवन के हर मोड़ पर हमारी ढाल बनकर खड़े रहते हैं।
"परिवर्तन – एक आशा की किरण" का यह प्रयास सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि पिता के प्रति अपार प्रेम और श्रद्धा की भावनात्मक प्रस्तुति था, जो निश्चित रूप से ह्रदयों में अमिट छाप छोड़ गया।
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