बिलासपुर 04 फरवरी 2024।बिलासपुर एक तरफ अच्छी पुलिसिंग के लिए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह चेतना अभियान चला रहे है तो वहीं तारबाहर थाने में पदस्थ एक आरक्षक पर कबाड़ियों से वसूली और झूठे केस में फंसाने के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके बावजूद भी वह चार साल से इसी थाने में जमा हुआ है। शिकायतों के बाद भी न तो उसका तबादला हुआ और न ही विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई की है।
सूत्रों की माने तो आरक्षक पर आरोप है कि वह लंबे समय से अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों से पैसा वसूलता है और उन्हें संरक्षण देता है। इस संबंध में एक कबाड़ी ने वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित शिकायत भी की थी। शिकायत में कबाड़ी ने बताया कि आरक्षक ने उससे पैसे मांगे और मना करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी थी, इस शिकायत के बाद भी विभाग ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया है।
सूत्रों के अनुसार, आरक्षक का अब तक दो बार तबादला हो चुका है, लेकिन उसने दोनों बार आदेश रद्द करवा लिए है, यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर उसे ऐसा करने का अधिकार कौन देता है? सामान्य नियमों के अनुसार,
पुलिसकर्मियों का एक ही थाने में इतना लंबा समय तक पदस्थ रहना नियमों के खिलाफ है। इसके बावजूद आरक्षक चार साल से तारबाहर थाने में जमा हुआ है।
सूत्र बताते ही कि आरक्षक का प्रभाव इतना ज्यादा है कि उसके खिलाफ शिकायतों के बावजूद उस पर कार्रवाई नहीं हो रही,लोगों को डर है कि अगर वह इसी तरह थाने में बना रहा, तो क्षेत्र में अवैध गतिविधियां और बढ़ सकती हैं।
अब देखना होगा कि वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। क्या आरक्षक को थाने से हटाया जाएगा या फिर मामला यूं ही दबा रहेगा?
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