बिलासपुर 06 फरवरी 2024।बिलासपुर सरकंडा के शिवघाट के पास शासकीय जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। गुरुवार को शारदा मंदिर समिति और स्थानीय लोगों ने बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचकर आरोप लगाया कि जायसवाल परिवार शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। मंदिर समिति के सदस्यों और मोहल्लेवासियों ने संबंधित दस्तावेज भी पेश किए, जिसमें बताया गया कि विवादित जमीन खसरा नंबर 1105 है, जो शासकीय भूमि है।
मंदिर समिति के नैन सिंह परिहार, राजेश्वर दुबे, राजकुमार दुबे, दिनेश दुबे, ममता सोनी, मंदाकिनी श्रीवास, सुनीता दुबे, लता दुबे, रजनी दुबे, गंगोत्री श्रीवास, रोशनी श्रीवास और प्रीति दुबे ने बताया कि जायसवाल परिवार अपनी जमीन का खसरा नंबर 1102/12 होने के बावजूद शासकीय जमीन पर बाउंड्रीवॉल बनाने का प्रयास कर रहा है।
3 फरवरी को हुआ विरोध, जांच समिति गठित
समिति के सदस्यों ने बताया कि 3 फरवरी को जायसवाल परिवार द्वारा शासकीय जमीन पर बाउंड्रीवॉल का निर्माण किया जा रहा था, जिसका मोहल्लेवासियों और मंदिर समिति ने विरोध किया। स्थानीय लोगों के अनुरोध पर बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने प्रशासन से जांच की मांग की। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है।
मंदिर और घाट जाने का रास्ता बंद होने की आशंका
स्थानीय लोगों के अनुसार, विवादित शासकीय जमीन शारदा मंदिर और श्राद्ध कर्म घाट जाने का आम रास्ता है, जिसका उपयोग सरकंडा के हजारों निवासी वर्षों से कर रहे हैं। अगर इस भूमि पर कब्जा हो जाता है, तो यहां आने-जाने का मार्ग बाधित हो जाएगा, जिससे जनहित के कार्य प्रभावित होंगे।
खुद को बचाने के लिए लगाए झूठे आरोप
मंदिर समिति और मोहल्लेवासियों का कहना है कि जायसवाल परिवार खुद के कृत्यों को छिपाने के लिए झूठे आरोप लगा रहा है। समिति के अनुसार, विधायक सुशांत शुक्ला के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने जब मामले की जांच शुरू की, तो जायसवाल परिवार बौखला गया और विधायक व समिति पर अनर्गल आरोप लगाने लगा।
अब प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि विवादित जमीन पर किसका अधिकार है और कौन गलत है।
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