बिलासपुर 05 जनवरी 2024।बिलासपुर जिले में चोरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। सूने मकानों और दुकानों को निशाना बनाकर चोर गिरोह बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। चोरी की बढ़ती वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए गठित स्पेशल टीम एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) भी इसमें सफलता हासिल नहीं कर पा रही है।
बीते एक महीने में शहर के अलग-अलग इलाकों में कई बड़ी चोरियां हुई हैं। हर क्षेत्र में चोरों ने सूने मकानों और दुकानों को निशाना बनाया है। पुलिस को कई स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं, लेकिन इसके बावजूद चोरों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
एक ही रात में दो ज्वेलरी शॉप में चोरी
30 जनवरी की रात बन्नाक चौक में नितीश सोनी की ज्वेलरी शॉप को चोरों ने निशाना बनाया। जब वह अगले दिन दुकान पहुंचे तो शटर कटा हुआ था और सोने-चांदी के जेवर गायब थे। उसी रात तिफरा बाजार चौक स्थित एक अन्य ज्वेलरी शॉप में भी चोरी हुई, जहां से लाखों के गहने ले जाए गए। पुलिस अब तक दोनों मामलों में किसी को पकड़ नहीं पाई है।
वनकर्मी के मकान में पांच लाख की चोरी
ओमनगर निवासी वनकर्मी चंद्रकांत साय 14 जनवरी को ड्यूटी पर कोटा गए थे। इस दौरान उनके सूने मकान में चोर घुसे और पांच लाख के जेवर चुरा ले गए। उन्होंने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की, लेकिन पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं जुटा पाई है।
वाहन चोरों का भी आतंक, पुलिस के पास सीसीटीवी देखने तक की फुर्सत नहीं
शहर में वाहन चोरी की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाली यमुना की स्कूटी पहले चोरों ने निशाना बनाई, फिर अगले दिन टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से चोरी कर ली। उन्होंने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की और एक ज्वेलरी शॉप के सीसीटीवी फुटेज देखने की अपील भी की, लेकिन पुलिस के पास वहां जाने का समय नहीं था।
ड्रग इंस्पेक्टर के घर भी धावा, चार लाख के जेवर चोरी
22 जनवरी की रात तोरवा के देवरीखुर्द मंगल विहार निवासी ड्रग इंस्पेक्टर के मकान का ताला तोड़कर चोरों ने चार लाख रुपये के गहने उड़ा लिए। उस समय वह अपने रिश्तेदार की शादी में सरकंडा गए हुए थे। पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन चोर अब भी फरार हैं।
स्पेशल टीम भी नाकाम, लंबे समय से जमे जवान
संपत्ति संबंधी अपराधों को सुलझाने के लिए बनाई गई स्पेशल टीम एसीसीयू भी चोरी के मामलों में कोई खास सफलता नहीं पा रही है। इस टीम में कई जवान लंबे समय से पदस्थ हैं, लेकिन सूचना तंत्र कमजोर होने के कारण चोरों तक नहीं पहुंचा जा रहा है। इसके अलावा, ऑनलाइन सट्टे और वाहन चोर गिरोह पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
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