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महुआ शराब से नौ मौतें, फिर भी नहीं थमी अवैध शराब बिक्री...,अवैध शराब बिक्री रोकने पर नाकाम साबित होती नजर आ रही पुलिस और आबकारी...

बिलासपुर जिले में महुआ शराब पीने से नौ लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग अवैध शराब बिक्री रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कोनी और कोटा क्षेत्र में अब भी किराने की दुकानों और चाय की टपरियों में महुआ शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। स्थानीय प्रशासन ने सख्ती बरतने और कार्रवाई के दावे किए थे, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है।

 बदला सिर्फ तरीका, बिक्री जारी

कोटा के वार्ड नंबर एक, सुदनपारा में अवैध शराब की बिक्री बदस्तूर जारी है। कोनी के लोफंदी में हुई घटना के बाद अब फर्क सिर्फ इतना आया है कि अब शराब बेचने वाले अनजान चेहरों को शराब नहीं दे रहे हैं। यदि कोई गांव का व्यक्ति साथ हो तो शराब आसानी से मिल जाती है। यही हाल कोनी क्षेत्र का भी है। बेलगहना रोड पर हर गांव में महुआ शराब आसानी से मिल रही है।कोटा से आगे बढ़ने पर लालपुर, सेमरिया और झिंगटपुर में किराने की दुकानों और चाय की टपरियों की आड़ में शराब बेची जा रही है। चुनावी माहौल को देखते हुए बाहरी लोगों को शराब मिलने में परेशानी हो रही है। लेकिन गांव के लोग संपर्क करें तो तुरंत शराब उपलब्ध कराई जा रही है। एक ग्रामीण ने बताया कि चुनाव के कारण बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ गई है, इसलिए शराब बेचने वाले ज्यादा सतर्क हो गए हैं।

 होटल और ढाबों में धड़ल्ले से परोसी जा रही शराब

कोटा क्षेत्र के कई ढाबों और रेस्टोरेंट में खुलेआम शराब परोसी जा रही है। दिन में ग्राहक बाहर से शराब लाकर पी सकते हैं, जबकि रात में ढाबों में ही शराब उपलब्ध कराई जा रही है। यहां तक कि कई ढाबों में दूसरे राज्यों की शराब भी आसानी से मिल रही है। हैरानी की बात यह है कि पुलिस इन सब से अनजान बनी हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, रातभर इन ढाबों में शराब परोसी जाती है और किसी भी तरह की रोक-टोक नहीं है।

 बच्चों तक को पता हैं शराब के ठिकाने

कोटा क्षेत्र के लालपुर गांव में शराब बिक्री के ठिकानों की जानकारी बच्चों तक को है। गांव के बच्चे भी शराब कहां मिलती है, यह जानते हैं। वहीं, शराब बेचने वाले सतर्क हैं और अनजान लोगों को देखते ही बहाने बनाने लगते हैं। अगर कोई बाहरी व्यक्ति शराब मांगता है, तो उसे साफ मना कर दिया जाता है। लेकिन गांव का कोई व्यक्ति शराब लेने पहुंचे, तो आसानी से उपलब्ध करा दी जाती है।

 प्रशासन की लापरवाही

महुआ शराब से नौ लोगों की मौत के बावजूद जिले में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। पुलिस और आबकारी विभाग की ओर से कुछ गिरफ्तारियां और छापेमारी की गईं, लेकिन इनका कोई खास असर नहीं दिखा। जरूरत है कि प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे और इस अवैध कारोबार को पूरी तरह बंद कराए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों।

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