बिलासपुर 09 दिसंबर 2024।बिलासपुर जिले में बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी का मामला उजागर हुआ है। इस सिलसिले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 13 लाख रुपये नकद, एक कार, बैंक पासबुक और फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं। मुख्य आरोपी समेत गिरोह के अन्य सदस्यों ने फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिये बेरोजगारों को ठगा। मामले में कई आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
सिविल लाइन पुलिस को सूचना मिली थी कि जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा निवासी कपिल गोस्वामी उर्फ कपिलेश्वर एक गिरोह के माध्यम से बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा है। पुलिस की जांच में पता चला कि यह गिरोह बलौदा बाजार, कबीरधाम और सक्ती सहित कई जिलों में सक्रिय है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कपिल गोस्वामी और उसके तीन साथियों—गुरुशंकर दिव्य, राजेंद्र पलांगे और पुरुषोत्तम तिवारी—को गिरफ्तार किया।
ऐसे देते थे धोखाधड़ी को अंजाम
गिरोह के सदस्य शासकीय नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को निशाना बनाते थे। मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी अपने साथी सरपंच पति ईश्वर चौहान और पत्रकार गुरुशंकर दिव्य के साथ मिलकर बेरोजगार युवकों से संपर्क करता था। कपिल अपनी तड़क-भड़क जीवनशैली, महंगी इनोवा कार और बॉडीगार्ड के जरिए खुद को ऊंची पहुंच वाला बताकर युवाओं का विश्वास जीत लेता था। गिरोह के सदस्य फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर युवाओं से मोटी रकम वसूलते थे। नौकरी ज्वाइन कराने के नाम पर उन्हें टालमटोल किया जाता था।
गिरोह में ऐसे जुड़ा एक ठग
पुलिस की जांच में सामने आया कि जैजैपुर निवासी राजेंद्र पलांगे, जो इस गिरोह का सदस्य है, पहले खुद कपिल गोस्वामी का शिकार बन चुका था। उसने वन विभाग में नौकरी के लिए कपिल को पांच लाख रुपये दिए थे, लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो उसने पैसे वापस मांगे। कपिल ने पैसे लौटाने के बजाय राजेंद्र को गिरोह में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। लालच में आकर राजेंद्र ने बेरोजगार युवकों को ठगने में गिरोह का साथ देना शुरू कर दिया।
नौकरी के लिए गिरवी रखे गहने
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पीड़ितों ने नौकरी पाने के लिए अपने जीवन भर की जमा-पूंजी लगा दी। किसी ने अपनी पत्नी के गहने बेच दिए, तो किसी ने मां के जेवर गिरवी रख दिए। कुछ किसानों ने अपनी फसल बेचकर पैसे जुटाए। युवाओं ने जान-पहचान के लोगों से उधार लेकर पैसे दिए, लेकिन उनके हाथ केवल फर्जी नियुक्ति पत्र लगे।
मुख्य आरोपी पहले भी जा चुका है जेल
मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी पहले भी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में जेल जा चुका है। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने नेटवर्क का विस्तार किया और कई जिलों में गिरोह के सदस्यों को शामिल किया।
गिरफ्तार आरोपी और फरार साथी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कपिल गोस्वामी (अकलतरा, जांजगीर-चांपा), गुरुशंकर दिव्य (सक्ती), राजेंद्र पलांगे (जैजैपुर, सक्ती) और पुरुषोत्तम तिवारी (उस्लापुर, बिलासपुर) शामिल हैं। मुख्य आरोपी का साथी सरपंच पति ईश्वर चौहान और अन्य फरार हैं।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 13 लाख रुपये नकद, एक कार, फर्जी दस्तावेज और फर्जी सील जब्त की है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और रकम जब्त होने की संभावना है। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर चार अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और ठगी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
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