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त्रिमूर्तियों चला रहे जमकर वसूली अभियान...,कर रहे पूरे पुलिस महकमे को बदनाम...अधिकारियों का नही है कोई भय...




बिलासपुर 28 फरवरी 2024। न्यायधानी में पुलिस विभाग को ऊंचाई देने वाले पुलिसकर्मियों में कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी है जो त्रिमूर्ति बनकर जोरो से अवैध वसूली कर रहे है। जिनको न तो खुद और न ही विभाग के सम्मान का ख्याल है और ख्याल हो भी क्यों जब थानेदार खुद खुल्ली छूठ देकर रखे हो।
                 विश्वशनीय सूत्र की माने तो शहर से लगे थाने में त्रिमूर्ति बन आरक्षक खूब अवैध वसूली कर रहे है जिसकी शिकायत कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुच चुकी है फिर भी इन त्रिमूर्तियों को न तो अपने उच्चाधिकारियों का डर है और न ही पुलिस महकमे की बदनामी का?

              सूत्रों की माने तो इन दिनों त्रिमूर्ति बन आरक्षक थाने को चलाने का काम कर रहे है। किसे छोड़ना है किसे पकड़ना है ये सब यही त्रिमूर्ति करते है, बताया जाता है कि थाने में कोई कर्मचारी यदि किसी को पकड़ कर लाता है और वह त्रिमूर्ति का आदमी निकल जाता है तो उसे छोड़ने के लिए थाना प्रभारी के आदेश की भी जरूरत नहीं समझी जाती है। उसे छोड़ दिया जाता है।
             यदि त्रिमूर्ति किसी को कोई केस में पकड़ कर लाए है तो थाना प्रभारी भी उसे इन त्रिमूर्तियों की इजाज़त के बिना छोड़ने की जुर्रत नही कर सकते है। इससे आप अंदाजा लगा सकते है की इन त्रिमूर्तियों के हौसले कौन से आसमान में है। त्रिमूर्ति बन आरक्षक प्रतिदिन थाना क्षेत्र में ही मुर्गा, मटन और शराब खोरी कर रहे है। इसके लिए एक प्लॉट भी रखे है जहाँ खुद पूर्व थाना प्रभारी भी पार्टी मना चुके है।लेकिन जब से थाने का प्रभार प्रशिक्षु cps ने संभाला है तब से इन त्रिमूर्तियों को हालत खराब है और ये बिना वर्दी में नजर आने वाले अब वर्दी में भी नजर आ रहे है।



पहले भी हो चुकी है कई शिकायतें...


त्रिमूर्तियों की कई शिकायतें पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुच चुकी है। इन पर की गई शिकायतो की जांच चल रही है, ख़बर की सुर्खियों में आने पर ये कहते नजर आते है की हमे कोई फर्क नहीं पड़ता पुलिस के अधिकारी क्या कर सकते है ज्यादा से ज्यादा लाइन ही तो करेंगे लेकिन अपने गलतियों पर इन्हें हाय तौबा पछतावा नही होता है। 


अवैध कारोबारियों से बंधा महीना...

विश्वसनीय सूत्र की माने तो थाना क्षेत्र में जितने भी अवैध कारोबारी है सब से इनका महीने के हिसाब से पैसा बंधा है, कभी उच्च अधिकारियों का आदेश आता है तो दिखावे की कार्यवाही कर खाना पूर्ति कर दी जाती है शायद इसीलिए अवैध कारोबारियों से इनकी तगड़ी जुगलबंदी है, मजाल है कि थाना क्षेत्र में जितने भी अवैध कारोबारी है वे इन त्रिमूर्तियों की इजाजत बिना अपना अवैध धंधा चमका ले। खैर अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी इन त्रिमूर्तियों के काले करतूतों को पता लगाकर क्या कार्रवाई कर पाते है? या फिर त्रिमूर्ति की लाइन वाली बात सच साबित होती है?

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