बिलासपुर 11 जून 2025।बिलासपुर सकरी अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह द्वारा घोषित अभियान अब कागज़ी दस्तावेज़ों और प्रेस नोटों तक ही सीमित लगता है। सख्त निर्देश और बार-बार की चेतावनियों के बावजूद सकरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सेक्टर डी, सैदा खार और घूरु अमेरी इलाके की पटरी के किनारे हर रात जुए की महफिलें सज रही हैं — और सबसे हैरत की बात, ये सब हो रहा है पुलिस की नाक के नीचे!
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस जुआ फंड का संचालन अमेरी निवासी मुंशुल और उसके साथ रहने वाला दुई नामक व्यक्ति कर रहे हैं। इन दोनों पर पहले भी जुए और अवैध लेनदेन से जुड़े मामलों में संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन कार्रवाई? शायद पुलिस को अभी समय नहीं मिला, या फिर... इरादा नहीं।
क्या संरक्षण में फल-फूल रहा जुआ कारोबार?
सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर पुलिस की चुप्पी का कारण क्या है? क्या इन अवैध जुआ संचालकों को कोई "सुरक्षा कवच" प्राप्त है? क्या सकरी थाना की पुलिस को इस गतिविधि की भनक नहीं या जानबूझकर अनदेखी की जा रही है?
अगर रोज़ाना रात को ट्रेन की पटरियों के किनारे सैकड़ों रुपये का दांव खेला जा रहा है, तो फिर थाना स्टाफ की "रात्रि गश्त" आखिर किस दिशा में हो रही है?
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के "अवैध कारोबारियों पर नकेल कसो" अभियान की साख अब सवालों के घेरे में है। यदि थाने के स्तर पर इस तरह की अवहेलना हो रही है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि आदेश नीचे तक या तो पहुँच ही नहीं रहे या फिर उनकी अवहेलना सरेआम की जा रही है।
अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस प्रशासन इस खुलासे के बाद नींद से जागेगा या फिर इस खबर को भी बाकी मामलों की तरह "सूचना में लिया गया" कहकर ठंडे बस्ते में डाल देगा?
क्योंकि अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई — तो फिर यह मान लेना चाहिए कि जुआ फड़ अब 'सिस्टम फड़' का हिस्सा बन चुका है, जहाँ कानून का इस्तेमाल केवल चुनिंदा पर होता है और बाकियों पर होता है संरक्षण का चादर।
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