दुकान के अगल बगल में लगभग छह चखना दुकान भी निर्धारित दूरी से कम सीमा में चल रहे हैं। नाम ना बताने की शर्त पर तीन संचालकों ने बताया कि उनसे विभाग के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन की दर से पैसे वसूल किए जाते हैं।
तात्पर्य यह है की जब इतनी कमाई वाले स्रोत पर पहुंच मार्ग ही नहीं। बारिश के दिनों में लोग जाने से कतराते हैं। लोगों के गड्ढों में गिरने की आए दिन घटनाऐं होती हैं।
पहुंच मार्ग को व्यवस्थित कर उन गड्ढों को पाटकर समतल कर व्यवस्थित मार्ग बनाने की जिम्मेदारी किसकी है? विभाग की या चखना दुकान वालों की जो प्रतिदिन की दर से विभाग के अधिकारी को उपकृत कर रहें हैं।
यदि ग्रामीणों को सुगम रास्ता मिलेगा तो शासन का राजस्व दोगुना हो सकता है।
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