बिलासपुर 20 मई 2023।बिलासपुर में पुलिस कानून अपनी मर्जी की तरह चला रहा है। एक तरफ जुवेनाइल एक्ट का केस बताकर पुलिस ने रेप पीड़िता की मां को जेल भेज दी है। वहीं, दूसरी तरफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने युवती चार दिन से थाने का चक्कर काट रही है। इस केस में पुलिस जांच के बाद FIR दर्ज करने की बात कह रही है। जबकि, दोनों ही केस में विक्ट्रिम का बयान ही प्रमुख है। दोनों ही केस राजनीतिक और रसूख से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि पुलिस कानून को अपने हाथ में लेकर काम कर रही है। अब विधवा महिला को जेल भेजने के खिलाफ सामाजिक व हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है और साजिश में टीआई के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।
मामला सामने आने के बाद शनिवार को हिंदू संगठन और ब्राह्मण समाज ने रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की पहल शुरू की है। युवती और परिजनों के साथ पहुंचे संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि दो माह पूर्व ही शेख आफताब मोहम्मद नाम के युवक ने लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसके साथ मारपीट की थी और उसे हाईवे में घायल छोड़कर भाग गया था। पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को लड़की मिली और उसका बयान दर्ज कर युवक के खिलाफ केस दर्ज किया गया। यह मामला अभी कोर्ट में चल ही रहा है। इस बीच आरोपी को बचाने उसके परिजनों ने समझौता करने के लिए दबाव बनाया और प्रलोभन भी देने का प्रयास किया। फिर भी युवती और उसकी मां ने समझौता नहीं किया। तब बदले की भावना से परिवार के एक दस साल के बेटे को सामने लाकर दुष्कर्म पीड़िता की मां पर केस दर्ज किया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है। युवती में रतनपुर पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया की पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए टीआई की भूमिका पर सवाल उठाया है। साथ ही कहा है कि दुष्कर्म के केस में समझौता कराने के लिए पुलिस के साथ मिलकर यह साजिश रची गई है।
दुष्कर्म पीड़िता की नहीं लिखी जा रही रिपोर्ट...
वही दूसरा मामला सिविल लाइन थाने का है, जिसमें एक युवती ने रसूखदार ठेकेदार युवक पंकज कौशिक पर शादी करने का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। इस केस में पुलिस पिछले चार दिन से युवती को घुमा रही है और केस दर्ज नहीं की जा रही है। जबकि, दुष्कर्म जैसे केस में पीड़िता का बयान दर्ज कर तत्काल FIR दर्ज करने का प्रावधान है। दुष्कर्म पीड़िता का कहना है, आरोपी उससे पिछले 12 साल से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता आ रहा है। दो बार एबॉर्सन भी कराया। कुछ साल पहले पुलिस से इसकी रिपोर्ट लिखाने आई थी। तब युवक और परिजनों ने पुलिस के सामने शादी करने का भरोसा दिलाया था। सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी का कहना है कि युवती का 11 साल से संबंध है, इसलिए जांच की जा रही है। युवक के पास दस्तावेज है और पैसे का लेनदेन भी हुआ है। यही वजह है कि मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
दोनों ही केस में रसूख और राजनीति, इसलिए पुलिस चला रही मनमर्जी...
दरअसल, दोनों ही केस राजनीति और रसूख से जुड़ा हुआ है। दुष्कर्म पीड़ित युवती की मां के केस में भी भाजपा नेता और पार्षद की भूमिका है। वहीं, सिविल लाइन थाने में जिस युवक के खिलाफ शिकायत की गई है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह भाजपा युवा मोर्चा से जुड़ा हुआ है और पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का करीबी है। इसलिए दोनों मामलों में पुलिस कानून का अलग-अलग तर्क दे रही है। दुष्कर्म पीड़िता की मां को जेल भेजने के मामले में SP संतोष कुमार का कहना है कि जुवेनाइल एक्ट में विक्ट्रिम का बयान ही काफी है, जिसमें किसी तरह की काउंसिलिंग कराने की जरूरत ही नहीं है। अब परिजन आरोप लगा रहे हैं, तो मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट का यह भी आदेश है कि दुष्कर्म पीड़ित युवती या महिला का बयान ही काफी है। अगर वह आरोप लगा रही है तो उसके बयान के आधार पर तत्काल FIR करना चाहिए। लेकिन, इस मामले में पुलिस अफसरों का अपना अलग तर्क है।
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