बिलासपुर 04 अप्रैल 2023। बिलासपुर शहर में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के द्वारा निजात अभियान चलाया जा रहा है जिससे अपराधों में भी कमी आई है। अपराधी भी डर के मारे अपराध नहीं कर रहे है।पर कुछ खाकी पहने हुए लोग पुलिस विभाग के नाम को मटियामेट करने से बाज नहीं आते है।कभी कोई आरक्षक अपने उच्च अधिकारियों के नाम से पैसे वसूली करता है तो कही कोई आरक्षक थाना प्रभारी के नाम पर रुपए वसूलता है।आखिर कब ऐसे वसूली बाजो पर सख्त कार्यवाही की जायेगी जिनके कारनामों की वजह से सारा पुलिस महकमा बदनामी झेलता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के मध्य स्थित थाने की स्पेशल टीम के एक आरक्षक ने तीन दिन पहले हुई जुआरियों पर कार्यवाही पर एक जुआरी से टी आई के नाम से पचास हजार रूपए की मांग कर दी,जिस पर जुआरी ने आरक्षक को पच्चीस हजार रुपए दे भी दिए लेकिन वसूली बाज आरक्षक का मन नहीं भरा और उसने टी आई साहब के नाम का फायदा उठाकर पच्चीस हजार रुपए की और मांग कर दी,जुआरी ने इस संबंध में टी आई से जब बात की तो टी आई साहब के होश ही उड़ गए साहब ने आरक्षक को बुलाकर फटकार लगाई और जुआरी से लिए हुए पच्चीस हज़ार रुपए भी वापस जुआरी को दिलाए।
विश्वशनीय सूत्रों की माने तो शहर के मध्य में स्थित थाने में स्पेशल टीम के इस आरक्षक ने पुलिस विभाग की छवि को पूरी तरह धूमिल कर रखा है यह निजात अभियान के साथ वसूली अभियान बाखूबी निभाने में लगा हुआ है थाना क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसी गली होगी जहा महोदय वसूली नही करते होंगे,महोदय का सिर्फ एक ही काम रहता है और वो है सिर्फ और सिर्फ वसूली, पुलिस विभाग के अधिकारियों को चाहिए की ऐसे वसूली बाज आरक्षक को तत्काल लाइन का रास्ता दिखा दिया जाए, जिससे पुलिस विभाग की फजीहत तो नही होगी ऐसे लोगो के नाम से ही पुलिस महकमा बदनाम होता है।अब देखने वाली बात है की इस आरक्षक पर विभाग के अधिकारी क्या कार्यवाही करते है, या स्पेशल टीम में रह कर ये पुलिस विभाग के नाम को बदनाम करता रहेगा और वसूली अभियान चलाता रहेगा। ऐसे में कैसे अपराधों पर अंकुश लग पाएगा साहब!
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