बिलासपुर 28 जून 2022।बिलासपुर व्यस्तम स्थानों में से एक है रामा मेग्नेटो मॉल और उसके आसपास का इलाका। इसी रामा मेग्नेटो मॉल में "भूगोल" नाम का एक बेहद बदनाम बार भी संचालित है। सूत्र बताते हैं कि यहाँ आए दिन मारपीट होती है, लड़कियों के साथ बतामीज़ी होती है, अवैध ड्रग्स बेचे जाते हैं, 2016 में हो चुकी है एक हत्या भी। लेकिन चूंकि इस बार के संचालन में शहर के कुछ नामी रसूखदारों का हाथ है शायद इसलिए ही तमाम अवैध गतिविधियों के बावजूद इस बार बार का संचालन बेरोकटोक जारी है।
सिवाए पुलिस के हर कोई जानता है
दअरसल कुछ ही दिनों की निगरानी से पुलिस तो का क्या कोई सामान्य व्यक्ति भी आसानी से ये जान समझ सकता है कि मैग्नेटो मॉल में संचालित बार (पब) "भूगोल" में किस तरह खुलेआम नियम तोड़े जाते हैं।
सिवाए पुलिस के हर कोई जानता है कि तय समय सीमा के बाद भी शहर के सभी बार देर रात तक संचालित रहता है।
सिवाए पुलिस के हर कोई जानता है कि भूगोल बार के वॉशरूम में ड्रग्स ली जाती है
सिवाए पुलिस के हर कोई जानता है कि भूगोल बार में आए दिन मारपीट गाली गलौच की घटनाएं होती रहती हैं
सिवाए पुलिस के हर कोई जानता है कि बार में पहुँचने वाले युवा लड़के लड़कियों को नशे की प्रतिबंधित दवा (जिसे सामान्य बोलचाल में हम ड्रग्स कहते हैं) की पहली खुराक देने और फिर उसका आदि बना दिया जाता है।
पानठेले वाले को भी होती है भूगोल में रेड पड़ने की पूर्व सूचना
जब भूगोल बार का मैनेजर ड्रग्स के साथ पकड़ा गया उसके कुछ दिन पूर्व भूगोल समेत शहर के कई बारों में पुलिस ने रुटीन चेकिंग (रेड) की कारवाई की थी। ज़ाहिर है "हम आ रहे हैं" बारवालों को ऐसा बताकर तो रेड नहीं की जाती है लेकिन आश्चर्य की बात है कि उस रात रेड पड़ने से पहले ही बार के पास स्थित एक पान ठेले वाले ने हमें हिंट दिया कि आज पुलिस आने वाली है और थोड़ी देर बाद जब सच में पुलिस आ गई तो हम उस ठेले वाले के सिक्स्थ सेंस के मुरीद हो गए।
भूगोल बार के मैनेजर का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो नाम लेकर बता रहा है कि किसके कहने पर वहाँ नशे का अवैध कारोबार चल रहा है।
NSUI ने मास्टर माईन्ड पर कारवाई के लिए सौंपा ज्ञापन
NSUI के प्रदेश सचिव सोहेल खलिक एवम् अन्य सदस्यों ने आज सिविल लाईन थाने में ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि भूगोल बार में चल रहे नशे के इस अवैध कारोबार के मास्टर माईन्ड को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। सोहेल ने कहा कि उचित कारवाई न होने पर NSUI की तरफ़ से इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से भी की जाएगी।
अरे निर्बल लाचार प्रशासन तुम्हारे नियम हमारे ठेंगे पर
प्रशासन ने ऐसे बारों के खुलने बंद होने की समय सीमा तय कर रखी है। लेकिन पुलिस और प्रशासन का मज़ाक उड़ाते हुए ऐसे बार लगभग सारी रात नशा परोसते हैं। और बिना कहे प्रशासन को खुली चुनौती देते प्रतीत होते हैं कि "अरे निर्बल लाचार प्रशासन तुम्हारे नियम हमारे ठेंगे पर, जो बन पड़ता है कर लो"
ये बात सोचने वाली है कि नियम कानून की धज्जियां उड़ा कर संचालित हो रहे ऐसे बारों को प्रशासन का मखौल उड़ाने की हिम्मत आख़िर मिलती कहां से है? इसका एक ही कारण समझ में आता है वो है रसूखदारों की संलिप्तता और दबाव।
बीते दिनों उसी बार के मैनेजर योगेश द्विवेदी को एन्टी क्राइम एण्ड साईबर यूनिट और चकरभाठा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित ड्रग MDMA के साथ रंगे हाथ गिरफ़्तार किया है। भूगोल बार के मैनेजर योगेश द्विवेदी को जिस वक़्त गिरफ्तार किया गया उस वक़्त वो इस प्रतिबंधित नशीली दवा को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहा था।
सूत्र बताते हैं कि जब भूगोल बार के मैनेजर को गिरफ़्तर किया गया तब उसके साथ बार को किराए पर लेकर संचालित करने वाला अंकित अग्रवाल भी मौजूद था लेकिन चूंकि उसके पास से ड्रग्स नहीं मिले इसलिए उसे छोड़ दिया गया। बार के लाइसेंस धारी को भी बार में आते जाते अक्सर देखा गया है।
सो रहा है आबकारी विभाग ?
शहर के बार में इस तरह खुलेआम नियमों की अनदेखी की जा रही है। क्या ज़िले के आबकारी विभाग को इन गतिविधियों की जानकारी नहीं है? जिस आबकारी अधिकारी के क्षेत्र में भूगोल बार का संचालन हो रहा है वो अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारियों से इस कदर बेखबर क्यों हैं? आबकारी विभाग की इस लापरवाही की वजह क्या है?
कैसी परिस्थितियाँ बन रही हैं देखिए...
लाइसेंसधारी व्यक्ति बार के अंदर बैठे हैं, बार का मैनेजर प्रतिबंधित नशीली दवा बेचते गिरफ़्तर हुआ है, सूत्र के मुताबिक मैनेजर की गिरफ्तारी के समय बार को किराए पर लेकर चलाने वाले वाला भी वहाँ मौजूद है...इन सारी परिस्थितियों को जोड़ कर देखने से तो ऐसा ही लगता है कि यदि भूगोल बार के अंदर प्रतिबंधित नशीली दवाएं परोसी जाती हैं तो ज़ाहिर है कि इसमें सभी की मिलीभगत होगी ही।
पुलिस को चाहिए कि इस पूरे मामले की गहराई से जाँच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए।
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