जीपीएम 25 अप्रैल 2022।जीपीएम मरवाही तहसीलदार की कार्यशैली पर इन दिनों कई सवाल उठ रहे है चूंकि एक ही व्यक्ति तहसीलदार और प्रभारी उपपंजीयक के पद पर पदस्थ है जिसका फायदा उठाते हुए मरवाही जैसे आदिवासी अंचल क्षेत्र में अनैतिक कार्य किये जा रहे है।
दरअसल मामला मरवाही का है जहाँ मरवाही प्रभारी उपपंजीयक और तहसीलदार के पद पर पदस्थ शशि चौधरी रजिस्ट्री और नामान्तरण इन्ही के द्वारा किया जाता है।वही उपपंजीयक के द्वारा जिन जमीनों की रजिस्ट्री की गई वही तहसीलदार द्वारा उन जमीनों को अवैध घोषित किया जा रहा है।
तब सवाल यह खड़ा होता एक ही अधिकारी दो पद पर कैसे बैठ सकता है और वही अधिकारी जब रजिस्ट्री करता है तो वह नामान्तरण के समय अवैध कैसे हो जाती है चूंकि मामला पैसों का है उक्त मामले में आम जनमानस का यह आरोप है कि तहसीलदार द्वारा पहले उपपंजीयक की रकम लेकर रजिस्ट्री की जाती है फिर नामान्तरण के समय पुनः पैसे की मांग की जाती है मांग पूरी न होने पर लोगो को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। साथ ही इनके द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय गोपनीय दस्तावेजो से भी छेड़ छाड़ किये जाने की शिकायत भी मिली है।
वही उक्त मामले को देखते हुए पहले भी इन्हें हल्का नंबर से हटाया गया था मगर खुद को रसूखदार समझने वाले यह अधिकारी पुनः हल्के में वापस आ गए और आम जन को परेशान किया जा रहा है।
तहसील कार्यालय जिसका कार्य आम जन को सुविधाएं प्रदान करना है वही आमजनमानस तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है चूंकि यहाँ बिना पैसे के चढ़ावे के कोई कार्य नही किया जाता है . जबकि जिला बनने से लोगो को एक कयास उम्मीद थी कि अब जिला बन चुका है। आम लोगो को सहूलियत होगी मगर जिस तरह से अधिकारी कार्य कर रहे है उससे आमजन में खासा आक्रोश है।
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