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राजस्व कर्मचारियों का मुआवजा लेने वालों के साथ मिलीभगत का शिकायतकर्ता ने लगाया आरोप

बिलासपुर 19 अक्टूबर 2021। बिलासपुर अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट में सरकारी जमीन पर मुआवजा देने की शिकायत कलेक्टर से की गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राजस्व अधिकारी-कर्मचारी व मुआवजा लेने वालों की भी मिलीभगत से ऐसा हुुआ है। 
शिकायतकर्ता सुजीत केशरवानी ने बताया कि मिसल अभिलेख वर्ष 1928-29 के अनुसार खसरा नंबर 01 रकबा 2.90 एकड़ है। इसी तरह खसरा नंबर 18 रकबा 38.47 एकड़,खसरा नंबर 19 रकबा 26.32 एकड़,खसरा नंबर 20 रकबा 38.83 एकड़,खसरा नंबर 42 रकबा 32.10 एकड़,खसरा नंबर 44 रकबा 20.28 एकड़,खसरा नंबर 40 रकबा 38.25 एकड़ घास मद में दर्ज है। इसी तरह निस्तार पत्रक और मिसल में भी यह जमीन छोटे-बड़े झाड़ के जंगल और घास मद में दर्ज है। यह खसरों की जमीन विभिन्न लोगों की है जो राजस्व अभिलेख पंचशाला वर्ष 2019-20 में कॉलम नंबर 10 में पट्टे से प्राप्त है जो अहस्तांतरणीय है। शासकीय पट्टेदार होते हुए भी अरपा भैंसाझार परियोजना अंतर्गत सरकार के करोड़ो रुपए मुआवजा के तौर पर दे दिए गए जबकि वह जमीन सरकारी है जिस पर मुआवजा लेने का अधिकार संबंधित लोगों को नहीं है।

सरकार के धन दुरूपयोग करने का लगाया आरोप
शिकायतकर्ता ने राजस्व अफसरों और मुआवजा लेने वालों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। सरकारी जमीन का हवाला देते हुए कहा कि संबंधित लोगों ने राजस्व अफसरों से मिलकर पट्टा लेकर भू-अर्जन की राशि ली है। सरकारी असिंचित जमीन को अवैधानिक रूप से सिंचित,द्वफसली,विकसित जमीन बताकर अधिकतम बाजार मूल्य तय कर लिया है जो कि सरकारी धन के दुरूपयोग की श्रेणी में आता है। इस मामले में किसी भी बड़े अधिकारी पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सिर्फ हल्का पटवारी मुकेश साहू को निलंबित किया गया है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस मामले में प्रशासनिक समिति गठित कर जांच की जाए और खातेदारों के विरूद्ध आपराधिक कृत्य अंतर्गत कार्यवाही की जाये।
 शिकायतकर्ता ने बताया की अहस्तांतरणीय है जमीन
खसरा नंबर 03 वर्ष 2018-19 के अनुसार खसरा नंबर 10/2,18/24 रकबा 0.6760 हेक्टेयर,0.0250 हेक्टेयर खसरा नंबर 10/1/9502,10/9/9502,18/29,10/31, खसरा नंबर 10/1/9502,18/29,18/31,40/8,40/8 रकबा 1.6200 खातेदार पवन अग्रवाल पिता राधेश्याम अग्रवाल के राजस्व अभिलेख खसरा पंचशाला वर्ष 2019-20 में कॉलम नंबर 10 में पट्टे से प्राप्त अहस्तांतरणीय है। यह अनुविभागीय अधिकारी के राजस्व प्रकरण क्रमांक 22-अ-7478 आदेश में 3 मार्च 2008 और नायब तहसीलदार सकरी के नामांतरण क्रमांक 08 कि आदेश में 2 जुलाई 2008 के अनुसार राजस्व अभिलेख में दर्ज हुई है। इसी तरह अन्य जमीनों का भी मामला है जिसमें जांच की जरूरत है।

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