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आबकारी उपनिरीक्षक पर लगाया जा रहा गलत आरोप,आबकारी विभाग में चल रहा आपसी गुटबाजी का षडयंत्र,आपराधिक घटनाओं में संलिप्त लोग भी अब उठा रहे एक ईमानदार अधिकारी पर उंगली

बिलासपुर 23 अगस्त 2021।बिलासपुर जिले के आबकारी विभाग में इन दिनों आपसी गुटबाजी की बू आ रही है जिसमे एक आबकारी अधिकारी को मोहरा बनाया जा रहा है। इतना ही नही उनके ऊपर चखना दुकानों के संचालकों से अवैध वसूली की शिकायत करवाई जा रही है और शिकायत भी वो व्यक्ति करता है जो खुद कई आपराधिक घटनाओं में संलिप्त रहता है। जिसने पूरी निष्ठा के साथ सिर्फ अपने कार्य को अंजाम दिया, मुकेश पांडेय बिलासपुर आबकारी विभाग में उपनिरीक्षक के पद पर पदस्त है जिन्होंने बीते दिनों कई बड़ी कार्यवाही कर चुके है जिसमे उन्होंने शराब के साथ आरपीएफ जवान को भी नही बक्शा साथ ही बड़ी मात्रा में एमपी की मंहगी शराब के साथ एक युवक को पकड़ा था, और वे लागातार अवैध शराब की खरीदी बिक्री रोकने शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी छापा मार कार्यवाही करते रहे है। पर जब ऐसे अधिकारी के दामन में दाग लगाने की कोशिश की जाए तो इससे शर्म की बात और क्या होगी? 

*सवाल तो उठेगा*

विक्रम सिंह ने मुकेश पांडेय के ऊपर चखना दुकान संचालकों से अवैध वसूली का आरोप लगाया है पर सवाल ये उठता है कि क्या पूरे जिले में सिर्फ मुकेश पांडेय के क्षेत्र में ही चखना सेंटर का संचालन हो रहा है? आखिर मुकेश पांडेय को ही क्यो टारगेट बनाया गया?  किसके इशारे पर विक्रम सिंह मुकेश पांडेय के खिलाफ साजिश रच रहा है। कौन है वो मास्टरमाइंड? इन सब सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है पर पाप का घड़ा भरने में ज़्यादा वक्त नही लगता और सच्चाई सामने निकल कर सामने आ ही जाती है।

सूत्रों की माने तो बिलासपुर के आबकारी विभाग में कुछ ऐसे लोग भी है जिन्हें मुकेश पांडेय की ईमानदारी रास नही आ रही है जिस वजह से साजिश के तहत उन्हें फसाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। 

आपको बता दें बीते कुछ महीने पहले सरकंडा क्षेत्र में एक व्यक्ति बेखौफ घूम घूम कर स्कूटर में शराब बेच रहा था, पर एरिया इंस्पेक्टर  को इसकी भनक तक नही लगी, पर सरकंडा पुलिस ने आरोपी को शराब के साथ पकड़ लिया, लेकिन इनकी गलती पर पर्दा डाल दिया गया, रविन्द्र पांडेय बिलासपुर आबकारी विभाग के एक ऐसे अधिकारी है जो कई बार अपना ट्रंसफार्म रुकवा चुके है, जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इनकी ऊपर तक कितनी पकड़ होगी?

 वही उपनिरीक्षक आशीष सिंह की बात करें तो बीते साल इनके ऊपर भी आरोप लगा था कि आशीष सिंह मस्तूरी क्षेत्र एक व्यक्ति को शराब बेचने का दबाव बना रहे थे, जिस वजह से इनका ट्रंसफार्म हुआ था, पर साहब का भी जलवा है ये जनाब भी एड़ी चोटी का जोर लगाकर कुछ दिनों में ही अपना ट्रंसफार्म रुकवा लिया, आशीष सिंह भले ही अपने  क्षेत्र में शराब नही पकड़ सकते  अचानक मुकेश पांडेय के क्षेत्र में पहुंच एमपी की शराब पकड़ लेता है। जो समझ से परे है। आखिर बिलासपुर आबकारी विभाग में मुकेश पांडेय के खिलाफ क्यो और किस लिए  षड्यंत्र रचा जा रहा है ये एक बड़ा सवाल है, आज के दौर में कोई व्यक्ति ईमानदारी से काम करना चाहे तो उसे मानसिक प्रताड़ित किया जाता है पर देर से ही सही सच्चाई की ही जीत होती है आप सोच रहे होंगे कि हम मुकेश पांडेय का पक्ष क्यो ले रहे है तो आपको बता दें हम काफी दिनों से आबकारी अधिकारी मुकेश पांडेय के बारे में बारीकी से तफ्तीश की पर उनके बारे में ऐसी कोई भी बात निकल कर सामने नही आई, बल्कि हमे तो यहाँ तक पता चला कि अगर उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही के दौरान किसी रसूखदार का कॉल आता है की यहाँ कार्यवाही नही करनी है इसके बाद भी वे कार्यवाही कर देते है। मुकेश पांडेय को पिछले 15 अगस्त को उनके कार्य को देखते हुए सम्मानित भी किया जा चुका है शायद यही कारण है की मुकेश पांडेय सब की नज़र में चुभने लगे है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।जिसमे विभाग के बड़े अधिकारियों की संलिप्तता भी हो सकती है। विवादित अधिकारीयों को शह देना भी जुर्म की श्रेणी में आता है पर बिलासपुर आबकारी में एक अलग ही गुट पनप चुका है जो काम करने के बजाए सिर्फ शतरंज की बिसात बिछाकर मुकेश पांडेय को मात देने का प्रयास कर रहा है। जिसमे प्यादों की आड़ में वज़ीर अपनी चाल चल रहा है । बहरहाल  अब देखना होगा कि इस खेल में सच की जीत होती है या एक साफ पाक अधिकारी को झूठ के आगे घुटने टेकना पड़ेगा।

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