विभाग के जिम्मेददार और मोटी तनख्वाह पाने वाले अधिकारी पत्रकारों से भी सीधे मुंह बात नहीं करते बिजली जाने की सूचना पर गाहे बगाहे फ़ोन उठा लिया तो समस्या का ठीकरा संबंधित ठेकेदार के कर्मियों पर फोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और घर पर चैन की नींद सो जाते हैं। कई अधिकारी तो अपना फोन बिजी मोड में डाल देते हैं या कवरेज क्षेत्र के बाहर।
क्या न्यायधानी को स्मार्ट सिटी बनाने में कामयाबी मिल पाने में इन जिम्मेदार अधिकारियों का सहयोग मिलेगा या यूँ ही पहले की तरह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का पलीता लगाते रहेंगे ??
ज्ञात हो कि नाम ना बताने की शर्त पर विभाग के एक बड़े अधिकारी ने यह बात बातों बातों में न्यूज हाइवे 24 के संवाददाता से कह दी। जिसकी सारी बातें हमारे पास रिकार्डेड है।
सरकार ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करे तभी शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ जन-जन तक व जमीनी लोगों तक पहुंच सकेगा।
अतएव सरकार केवल योजनाएं तैयार करेगी और ऐसे गैर जिम्मेदाराना अधिकारी जनहितकारी योजनाओं का पलीता लगाते रहेंगे। अंत में "ढाक के तीन पात" वाली कहावत चरितार्थ न हो जाये इससे पहले लोकप्रिय नेताओँ को जागरूक और सक्रिय हो जाना चाहिए।
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