बिलासपुर से नीरज शुक्ला की रिपोर्ट।
******************************
रायपुर ।छत्तीसगढ़ में इन दिनों पत्रकारों के लिए अच्छे दिन नही चल रहे हैं। सरकार बनने से पहले छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का दम्भ भरने वाली कांग्रेस सरकार में पत्रकार सुरक्षित नही है। छत्तीसगढ़ में देश के नामचीन चैनल आजतक के पत्रकार रहे सुनील नामदेव को रायपुर के माना पुलिस ने ब्लैक मेलिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। भड़ास 4 मीडिया साईट में प्रकाशित खबरो के हवाले से यह जानकारी सामने आ रही है कि रायपुर के किसी आईपीएस महोदय के महंगी खरीदारी एवं उसके बिलो का भुगतान उनके कनिष्ठ अधिकारी द्वारा किये जाने सम्बन्धी खबरें newstodaycg. com पर प्रकाशित करने पर रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव को आईपीसी की धारा 384 ब्लैक मेलिंग के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
अब छत्तीसगढ़ में लगने लगा है कि वास्तव में लोकतंत्र खतरे में है। क्योंकि पूर्व में भी सत्ताधारी दल के खिलाफ खबर लिखने पर पत्रकार कमल शुक्ला के साथ कांग्रेस के कर्तकर्ताओं ने न सिर्फ मारपीट किया था बल्कि उल्टा उक्त पत्रकार के विरुद्ध मामला भी दर्ज किया गया था।
पत्रकार हित एवं सुरक्षा का डंका पीटने वाले पत्रकार संगठन मौन..?? मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। लेकिन यदि मीडिया सरकार एवं उसके अधिकारियों के काली करतूतों एवं घोटालो को समाज के सामने लाने का प्रयास करता है तो सरकार को उसपर संज्ञान लेकर उक्त गलती को सुधार करने अथवा दोषी अफसरों के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय उल्टे छत्तीसगढ़ में इनदिनों कलमकारों को जेल भेजने एवं अपराधी घोषित करने का ट्रेंड चल निकला है। जनसंहार करने वाले नक्सलियों को मुख्य धारा में वापसी के लिए जहाँ राज्य सरकार विभिन्न लाभकारी योजनाएं संचालित कर रही है। वहीं पत्रकारिता के माध्यम से यदि कोई पत्रकार राज्य सरकार के किसी मंत्री अथवा अधिकारी को आइना दिखाए तो उसे जेल जाने तैयार रहना होगा। वो भी उस राज्य में जहाँ जनसम्पर्क विभाग स्वंय मुख्यमंत्री महोदय के हांथो में है। जिनके 2-2 सलाहकार वरिष्ठ पत्रकार भी रह चुके हैं।
फिलहाल छत्तीसगढ़ में एक और पत्रकार की गिरफ्तारी एवं पत्रकार हितों की बात करने वाले संगठनों की चुप्पी से यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में अब पत्रकारिता करना मतलब आ बैल मुझे मार साबित हो रहा है।
0 Comments