स्वास्थ्य, शिक्षा, मूलभूत आवश्यकता सहित रेल लाइन , सुरक्षा, एवं हवाई सेवा से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। इसके बावजूद कर्मचारी निराश है एवं न्यूनतम तनख्वाह पाकर जीवन यापन करते हैं, यह कर्मचारी इस तनख्वाह से भी अपना जीवन यापन करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। अब हम बात करें उन बेरोजगार व्यक्तियों की जिनके पास किसी भी प्रकार का रोजगार उपलब्ध नहीं है वह अपना जीवन यापन किस तरह से करते होंगे ? यही कारण हैं अपराध का ग्राम बढ़ने का कि जो नागरिक, मतदाता या देश के ऐसे नागरिक जिनके पास किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं है वह विवश होकर अपराध करने को मजबूर हैं । सरकार को चाहिए कि इनके लिए भी कुछ करे ताकि यह अपराध के लिए विवश ना हो जानकारों के अनुसार कर करदाता टेक्स तो पटाते हैं। देश का खजाना भरते हैं। बावजूद देश की झोली में हमारे भारत देश का खजाना भर नहीं पा रहा है। आखिर किसकी जेब में जा रहा है यह पैसा ?
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