हमर-देस+हमर छत्तीसगढ़
बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडे और जल विभाग के प्रभारी अजय श्रीनिवासन के बाद नगर निगम सभापति नसीरुद्दीन के कोरोनावायरस कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो चुके हैं।
अब देर से ही सही स्वास्थ्य विभाग,उक्त दोनों अधिकारियों तथा निगम सभापति के संपर्क में आने वाले लोगों की, कोविड-19 जांच के साथ ही निगम के टाउन हॉल तथा विकास भवन को सील कर सैनिटाइजिंग कराने की दिशा में गंभीरता पूर्वक विचार कर रहा है। हो सकता है कल सोमवार से ही इस पर अमल हो।और विकास भवन तथा निगम के टाउन हाल को सील कर सैनिटाइजिंग की प्रक्रिया पूरी होते तक वहां लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित की जा सकती है।ऐसा करना इसलिए जरूरी हो चुका है कि, नगर निगम में एक के बाद एक तीन ऐसे महत्वपूर्ण पदाधिकारियों को कोरोनावायरस का पॉजिटिव पाया गया है। जिनके संपर्क में ना मालूम कितने अधिकारी और कर्मचारी आ चुके होंगे।स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन से इस बाबत मोबाइल से बात होने पर उन्होंने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि निगम के दोनों कार्यालय सैनिटाइजिंग कराए जाएंगे। और यह प्रक्रिया पूरी होते तक विकास भवन तथा टाउन हॉल आम जनों की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा सकता है। सभापति के वायरस पॉजिटिव होने के बाद हुई आमसभा के कारण मामला और गंभीर हो चुका है।
उस दिन बड़ी संख्या में पार्षद एवं निगम के कर्मचारी अधिकारी सभापति के संपर्क में आने की आशंका स्वास्थ्य विभाग को है। वैसे कायदे से सभापति तथा आयुक्त एवं जल विभाग के प्रभारी अधिकारी के संपर्क में आने वाले निगम के अधिकारियों कर्मचारियों तथा पार्षदों को स्वयं ही कोविड-19 की जांच के लिए आगे आना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होने पर स्वास्थ्य विभाग को संबंधित लोगों की जांच करने की पहल करनी ही होगी। इस संक्रमण को रोकने तथा संक्रमित एवं संदिग्ध कोरोनावायरस कोविड-19 के पॉजिटिव अधिकारियों कर्मचारियों की पतासाजी के लिए व्यापक एवं गहन जांच अब जरूरी हो चुकी है। ऐसा नहीं करने पर नगर निगम में कोरोनावायरस का भयंकर विस्फोट होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए अगर स्वास्थ्य विभाग विकास भवन एवं टाउन हॉल को सैनिटाइजिंग होते तक पूरी तरह सील कर पॉजिटिव पाए गए अधिकारियों के संपर्क में आने वाले संदिग्ध अधिकारियों कर्मचारियों की गहन जांच कराने के बारे में सोच रहा है.. तो उसे उचित ही कहा जाएगा।
(वरिष्ठ पत्रकार शशिकांत कोन्हेर की कलम से)
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