प्रदेश में कोरोना संक्रमण का जाल फैलता जा रहा है सरकार के विभिन्न उपायों के बावजूद कोरोना ने जबरदस्त दस्तक दी है। पुलिस विभाग के कर्मचारियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों सहित अन्य को अपनी चपेट में ले लिया है। हालांकि प्रदेश सरकार ने एहतियातन लॉकडाउन और मास्क लगाने से लेकर अन्य दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। लोग अपने अपने घरों में लॉक डाउन हैं। रोटी से लेकर रोजगार तक का संकट ग़रीबों के सामने खड़ा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वायरस से निपटने कहीं भी कोई कसर नहीं छोड़ी। कोविड 19 के अस्पताल प्रदेश में बनाए गए हैं। प्रवासी श्रमिकों का आना बदस्तूर जारी है। उन सभी का टेस्ट करना लगभग संभव नहीं होता उनमें से हे कुछ लोग टेस्ट करवाते हैं। कुछ इधर उधर के रास्ते अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं। जिनकी पतासाजी नहीं हो पाती हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस विभाग के कर्मचारियों द्वारा इनकी पहचान कर उन्हें खोजने की पूर्ण कोशिश की जाती है। इसके बावजूद वे लोग किन-किन लोगों से मिले या छुआ इस बात की तस्दीक जमीनी स्तर पर नहीं हो पाती।
ज्ञात हो कि इन्हीं कारणों या कोरोना संक्रमित व्यक्तियों जिनको क्वॉरेंटाइन किया गया है। वह बाहर घूमते पाए गए हैं। ऐसा आए दिन समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है। क्या यह वही लोग हैं जो इस वैश्विक महामारी को प्रदेश में बढ़ा रहे हैं। या वे लोग हैं जो इनका इलाज कर रहे हैं। शासन को पूर्ण रूप से सजग एवं तैयार होकर इनकी मॉनिटरिंग एवं एहतियातन क्वॉरेंटाइन में रखने की कार्यवाही सुनिश्चित रूप से करनी चाहिए अथवा भविष्य में परिणाम नकारात्मक, भयावह एवं दुखद होने की संभावना प्रबल जान पड़ती है
यह लोग हमारे अपने हैं इनकी देखरेख, समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था, खानपान एवं अपनेपन की जिम्मेदारी हमारी है। इस हेतु हमें इनके लिए सदैव तत्पर रहना होगा तभी हम पूर्ण रूप से कोरोना को परास्त कर पाएंगे। सकारात्मक परिणाम ही हमारे प्रदेश को पुनः ग्रीन और खुशहाल बनाएंगे।
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