ज्ञात हो कि जिलाधीश ने कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने और रोकने के उद्देश्य से बिलासपुर जिले में मई महीने के लिए लगातार दो दिवसीय शानिवार व इतवार सम्पूर्ण तालाबंदी का आदेश जारी किया था। इसी दो दिवसीय लॉक डाउन का फायदा कोचियों से लेकर आबकारी विभाग के कुछ अधिकरियों के लिए सोने पे सुहागा जैसी बात साबित हो रही है। शुक्रवार शाम 4 बजे से ही कोचिये पूर्ण स्फुर्ति के साथ अपने आकाओं के मार्गदर्शन में सक्रिय हो जाते हैं। दुकाने बंद होने के बाद इनका साम्राज्य स्थापित हो जाता है। दो से चार गुनी कीमत में किसी भी जगह शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती है। आबकारी विभाग की मौन सहमति इन पर रहती है। तभी तो कोरोना संक्रमण काल के वावजूद आबकारी विभाग अवैध शराब पकड़ने में नाकाम रहा। वहीं पुलिस विभाग ने लगातार ताबड़तोड़ कार्यवाही कर अनेक जगहों से अवैध शराब का जखीरा इन कोचियों से जब्त किया।
क्या इसे हम पुलिस विभाग की सक्रियता और आबकारी विभाग की लाचारी मान लें ??
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