बिलासपुर 10 जुलाई 2025।बिलासपुर निवासी प्रकाश दुबे ने सरकंडा थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उनके स्वर्गीय पिता भैयालाल दुबे की खमतराई स्थित पैतृक ज़मीन को कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी कर कब्जा कर लिया गया है। शिकायत के अनुसार खसरा नंबर 672, रकबा 56 डिसमिल की यह भूमि प्रकाश दुबे और उनकी माता के नाम पर वैध रूप से दर्ज थी।
शिकायत के बाद जब उन्होंने भूइंया ऐप से जानकारी निकाली, तो पता चला कि उक्त भूमि की रजिस्ट्री अनुज मिश्रा नामक व्यक्ति के पक्ष में हो चुकी है। जांच में सामने आया कि इस अवैध रजिस्ट्री में प्रकाश दुबे के पिता की जगह एक नकली व्यक्ति को खड़ा किया गया था, जिसका नाम भैयालाल सूर्यवंशी बताया गया। रजिस्ट्री में गवाह के रूप में राहुल पटवा और अभिषेक दुबे की भूमिका पाई गई। इन सभी ने मिलकर जालसाजी से दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री प्रक्रिया को वैध रूप देने की कोशिश की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल और सीएसपी सिद्धार्थ बघेल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक निलेश पांडे ने एक विशेष टीम गठित की। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रमुख आरोपी अनुज मिश्रा, राहुल पटवा और अभिषेक दुबे को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में इन आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि उन्होंने जानबूझकर राजस्व रिकॉर्ड में गड़बड़ी कराई और एक फर्जी व्यक्ति को खड़ा कर रजिस्ट्री करवाई। इसके पीछे पूरा षड्यंत्र पूर्व नियोजित था।
फर्जी आधार कार्ड से तैयार हुए दस्तावेज, साइबर कैफे संचालक भी गिरफ्तार
पूरे मामले में फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि होने पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया। आरोपी प्रियांशु मिश्रा के मेमोरण्डम के आधार पर यह खुलासा हुआ कि फर्जी पहचान-पत्र महामाया साइबर कैफे, राजेन्द्र नगर चौक से बनाए गए थे।
इस कैफे के संचालक दीपक कुमार साहू द्वारा जनवरी 2025 में फर्जी आधार कार्ड तैयार किया गया था, जिसकी मदद से नकली पहचान वाले व्यक्ति को असली दस्तावेजों में प्रस्तुत किया गया। पुलिस ने दीपक कुमार साहू को गिरफ्तार कर उसके पास से फर्जी आधार कार्ड की मूल प्रति, एक कंप्यूटर सिस्टम और कलर प्रिंटर जब्त किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
1. अनुज कुमार मिश्रा – मुख्य लाभार्थी, जिसने ज़मीन अपने नाम रजिस्ट्री करवाई।
2. प्रियांशु मिश्रा – फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में भूमिका।
3. राहुल पटवा – गवाह के रूप में शामिल।
4. दीपक कुमार साहू – फर्जी आधार कार्ड बनाने वाला साइबर कैफे संचालक।
5. मंगलदास पंडो – छद्म पहचान के तहत रजिस्ट्री में खड़ा किया गया व्यक्ति।
6. राम गोविंद पटवा – साजिश में संलिप्त सह-अभियुक्त।
बिलासपुर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर किसी की संपत्ति हड़पना एक संगीन अपराध है और इसके पीछे जितने भी व्यक्ति शामिल हैं, उन सभी के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराध की सहायता से की जा रही ऐसी धोखाधड़ियों पर नियंत्रण के लिए नियमित निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि जनता की संपत्ति सुरक्षित रहे और दोषियों को बख्शा न जाए।
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