Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

बंगाल की घटना के विरोध में 24 घंटे तक बंद रहेंगी मेडिकल सेवाएं...,शनिवार सुबह से नही मिलेगी अस्पताल की सुविधा...,आईएमए ने पत्रकारों से चर्चा कर मांगी सरकार से 5 सुविधाएं ...

बिलासपुर 16 अगस्त 2024।बिलासपुर  पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेडिकल रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए क्रूर अपराध एवं जघन्य हत्या को लेकर आई.एम.ए छत्तीसगढ़ एवं बिलासपुर जिले के तमाम चिकित्सको में भारी आक्रोश है।बिलासपुर प्रेस क्लब में शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विनोद तिवारी,बिलासपुर अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश देवरस,प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर संदीप तिवारी,डॉक्टर प्रशांत द्विवेदी, डॉक्टर सौरभ लूथरा, डॉक्टर नितिन जुनेजा, डॉक्टर हेमंत चटर्जी,डॉक्टर प्रमोद तिवारी, और सीएमएचओ प्रभात श्रीवास्तव ने कहाकि हम समाज की सेवा करने के लिए सुरक्षित कार्यस्थलों के हकदार है और पहले अपने लिए भी समाज और नीति निर्माताओं से सुरक्षा की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुख्यालय नई दिल्ली ने "शनिवार 17 अगस्त 2024 सुबह 6 बजे से रविवार 18 अगस्त 2024 सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए आपातकालीन सेवाओं और रोगी सेवाओं को छोड़कर सभी चिकित्सा सेवाओं को वापस लेने की घोषणा की है। 


पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हमारी प्यारी बहन मेडिकल रेजिडेंट डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध और हत्या से देश का पूरा चिकित्सा जगत शोक में है। हम उस परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। जब हम शांतिपूर्वक शोक मना रहे थे और विरोध कर रहे थे तो हमारे जूनियर डॉक्टरों को कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में भीड़ में धमकाया और गुंडों ने परिसर में तोड़फोड़ की। सिस्टम और समाज की ये उदासीनता हमे झकझोर रही है। यह मानवता के खिलाफ उच्चतम स्तर की हिंसा है। हम इस जघन्य कृत्य की निंदा करते हैं। चिकित्सा पेशेवरी और चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के किसी भी कृत्य का "जीरो टॉलरेंस" के साथ विरोध करने के लिए चिकित्सा समुदाय के साथ एकजुट है। आईएमए पदाधिकारियों ने शासन से मांग की है की 1..घटना की त्वरित सीबीआई जांच हो और इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। 2. अस्पतालों को "सुरक्षित क्षेत्र' घोषित किया जाए। 3. एनएमसी को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेसिडेंट डॉक्टर्स के लिए सुरक्षित और मानवीय कार्य वातावरण के लिए दिशानिर्देश तैयार करना चाहिए। 4. एनएमसी को रेजिडेंट डॉक्टरों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति बनानी चाहिए जैसे मानसिक स्वास्थ्य बर्न-आउट, लंबे समय तक काम के घंटे, अत्यधिक फीस,मामूली वजीफा, बधुआ नीतिया, खराब आवासीय स्थिति को लेकर निर्णय ले सके। 5. भारत सरकार को मेडिकेयर पेशेवरों और चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के लिए जल्द से जल्द सख्त केंद्रीय कानून बनाना चाहिए।

Post a Comment

0 Comments