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खाद्य विभाग में लापरवाही चरम पर,सरकारी नौकरी हो तो ऐसी, बिना नौकरी किये लम्बे समय में सैलेरी उठा रही ये अधिकारी...,अब तो जिम्मेदारी भी मिल गई, लेकिन मलाई है तो सिर्फ आराम में...,खाद्य निरीक्षक भी खुद को जिल्लेइलाही से कम नहीं समझते...

बिलासपुर 21 अक्टूबर 2021।बिलासपुर सरकारी नौकरी में अगर कोई व्यक्ति अधिकारी के पद पर है और आराम करना चाहता है तो इससे आसान नौकरी शायद ही कोई और हो, जी हां सरकारी नौकरी को आरामदायक नौकरी यूं ही नहीं कहा जाता, 10 महीने में 10 बार भी ऑफिस नहीं आने के बावजूद भी हर महीने आराम से तनखा निकालकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना कोई बिलासपुर के खाद्य विभाग से सीखे, बिलासपुर का खाद्य विभाग आए दिनों चर्चा में रहता है। कभी अपनी कार्यप्रणाली को लेकर तो कभी विभागीय अधिकारियों के कार्य प्रवृत्ति को लेकर,लेकिन इस बार जिस अधिकारी की हम बात कर रहे है  उन्होंने तो सारी हदें पार कर दी है।महीने में एकआद बार चेहरा दिखा कर सैलरी उठाने वाली अधिकारी के बारे में विभाग में चर्चा तो है हर कोई कहता तो है।
लेकिन उनसे जवाब मांगने की हिम्मत शायद विभागीय अधिकारी की भी नहीं है। इसलिए तो नया-नया प्रभार मिलने के बावजूद भी अधिकारी की जिम्मेदारी अभी तक तय नहीं की गई है। कोरोना काल के साथ खाद्य विभाग की इस अधिकारी ने शायद घर कोई ऑफिस समझ लिया है।इसलिए वह घर से बाहर निकलना भी जरूरी नहीं समझती, इतना ही नहीं विभागीय कर्मचारी आए दिन इस अधिकारी के बारे में चर्चा तो करते हैं लेकिन खुलकर कोई नहीं कहना चाहता। अब ऐसे में सवाल उठता है कि, खाद्य अधिकारी के प्रभार में बैठे सहायक खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा भी इनको कोई आदेश नहीं दे पा रहे हैं और ना ही पुराने खाद्य अधिकारी द्वारा इन पर काम का कोई बोझ डाला गया था।प्रभारी खाद्य अधिकारी भी इन दिनों अधिकारी बनने का मजा जमकर से ले रहे हैं क्योंकि प्रभारी अधिकारी बनने के बाद न अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई की और न ही राजेश शर्मा खाद्य निरीक्षकों को अभी तक ठीक कर पाए। एक कर्मचारी से राशन कार्ड बनाने का प्रभार हटाकर शायद खाद्य अधिकारी समझ रहे हैं कि, विभाग में फैली घोर लापरवाही से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन ठीक उसके उलट होता नजर आ रहा है।
खाद्य निरीक्षक न तो आम जनता का फोन उठा रहे हैं और न ही उनकी परेशानियों को सुनने का उनके पास समय होता नजर आ रहा है।रतनपुर क्षेत्र को संभालने वाले खाद्य निरीक्षक मंगेश कांत तो मीडिया तक का फोन उठाना जरूरी नहीं समझते और ना ही फील्ड में कभी नजर आते हैं। स्थानीय लोग आए दिन शिकायत लेकर विभाग के चक्कर काटते नजर आते हैं लेकिन मजाल है कि, खाद्य निरीक्षक मंगेश कांत उन्हें मिले या फिर उनकी परेशानियों का निवारण करें। खबर अगले अंक में हम इस खाद्य विभाग के अधिकारी के विषय में और भी बातें आपको बताएंगे इसके अलावा रतनपुर के खाद्य निरीक्षक मंगेश कांत की निरंकुशता के पोल खोलने का काम किया जाएगा।

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