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ट्रैफिक आरक्षक राम रजक को लेकर सोशल मीडिया में वायरल किया गया वीडियो 2 साल पहले 30 जून 2019 की घटित, घटना का है,लोग पूछ रहे हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि, 2 साल पुरानी घटना का वीडियो वायरल कर ट्रैफिक आरक्षक से बदसलूकी और दुर्व्यवहार के आरोपी कांग्रेस नेता को निर्दोष साबित करने की कोशिश हो रही हो

बिलासपुर "शशिकांत कोन्हेर"27 जून 2921।बिलासपुर अब यह बात लगभग प्रमाणित हो गई है कि ट्रैफिक पुलिस के आरक्षण राम रजक के साथ श्रीकांत वर्मा मार्ग में बदसलूकी और दुर्व्यवहार करने वाले कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी के बाद आरक्षक राम रजक को लेकर सोशल मीडिया में वायरल किया गया वीडियो 2 साल पुराना है। इस बाबत अधिकृत सूत्रों से मिली पक्की जानकारी यह है कि 30 जून सन 2019 को आरक्षक राम रजक और उसके भाई के खिलाफ पड़ोसी ने मारपीट गाली-गलौज और दुर्व्यवहार  की शिकायत की थी। पुलिस अधिकारियों द्वारा इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरक्षक राम रजक और उसके भाई के खिलाफ उसी समय एफ आई आर दर्ज कर दी गई थी।कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था 30 जून 2019 की घटना पड़ोसी के बीच का विवाद था।
आरक्षक राम रजक एवं उसके भाई के विरुद्ध FIR दर्ज की गयी थी. यह बात तो तय है कि 2 साल पहले 30 जून 2019 को हुई इस घटना का 4 दिन पहले श्रीकांत वर्मा वर्मा मार्ग पर कांग्रेस नेता द्वारा आरक्षक के साथ की गई बदसलूकी की घटना का कोई संबंध नहीं है। फिर कांग्रेस नेता कि महाराष्ट्र के कामठी से गिरफ्तारी के बाद एकाएक 2 साल पहले 30 जून 2019 को हुई घटना का वायरल किया गया वीडियो खुद सवालों के घेरे में है।

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