बिलासपुर से नीरज शुक्ला की रिपोर्ट।
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बिलासपु।अवैध कारोबारियों के इशारों पर खरसिया पुलिस ने पत्रकार दम्पत्ति पर किया था दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई मानवाधिकार आयोग और न्यायालय से न्याय की उम्मीद -आरती वैष्णव खरसिया के वरिष्ठ एवं स्वतंत्र पत्रकार एवं अधिवक्ता भूपेन्द्र किशोर वैष्णव एवं उसके परिवार के साथ कोरोना काल मे खरसिया एवं रायगढ़ जिले पुलिस द्वारा किया गए प्रताड़ना एवं अत्याचार मामले में केंद्रीय मानव अधिकार आयोग को महिला पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती आरती वैष्णव द्वारा किये गए लिखित शिकायत पर खरसिया चौकी प्रभारी नंदकिशोर गौतम,थाना प्रभारी सुमत राम साहू,खरसिया एसडीओपी पिताम्बर पटेल सहित रायगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक सन्तोष कुमार सिंह एवं उप पुलिस अधीक्षक अविषेक वर्मा के विरुद्ध लिखित शिकायत के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अवगत कराया था कि गत वर्ष कोरोना लॉक डॉउन के दौरान उक्त अधिकारियों द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके रायगढ़ जिले में अवैध रूप से जुआ,शराब,सट्टा,गांजा,गुड़ाखू, गुटखा,अवैध महुआ शराब, कोयला तस्करी एवं भूमाफियाओं को संरक्षण देकर अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा था।
जिसके सम्बन्ध में वैष्णव पत्रकार दम्पत्ति के द्वारा रायगढ़ जिला पुलिस के अत्याचार एवं शोषण के विरुद्ध खबरों के माध्यम से प्रदेश सरकार एवं उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया था।
झूठे षड्यंत्र में फंसाकर पत्रकार दम्पत्ति के मासूम बच्चों को भूखे रहने मजबूर किया खरसिया पुलिस ने
तत्कालीन आईजी एवं पूर्व रायगढ़ कलेक्टर सहित प्रभारी मंत्री एवं मुख्यमंत्री महोदय को रायगढ़ जिला पुलिस के उक्त माफियाओं को संरक्षण दिए जाने एवं साँठगाँठ की शिकायत एवं खबर प्रकाशन करने पर रायगढ़ जिले में पुलिस विभाग के उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा माफियाओं के साथ मिलीभगत करके पहले तो पुरानी बस्ती खरसिया में विगत 15-16 वर्षों से जुआ संचालित करने वाले खिलावन राठौर के साथ साँठगाँठ करके खरसिया के सम्मनिय नागरिक एवं पत्रकार सह अधिवक्ता भूपेन्द्र किशोर वैष्णव एवं महिला पत्रकार आरती वैष्णव के विरुद्ध झूठा एफआईआर दर्ज किया गया बल्कि पत्रकार भूपेन्द्र वैष्णव के साथ खरसिया थाने में आमानवीय यातना दी गई। पत्रकार दम्पत्ति को गिरफ्तार करने के वक्त उनके दो छोटे छोटे बच्चों को भी कोरोना काल मे किसी के सुपुर्दगी में नही दिया गया। जिससे बच्चे बिना माता पिता के घर मे 2 दिनों तक भूखे रहने मजबूर थे। बाद में उनके परिजनों को अखबार के माध्यम से वैष्णव दम्पत्ति के गिरफ्तारी की सूचना के बाद बच्चों को घर ले जाया गया।
अवैध करोबारियो का पर्दाफाश हुआ तो संरक्षणदाता पुलिस ने षड्यंत्र शुरू किया
रायगढ़ जिले सहित खरसिया क्षेत्र में विगत लॉक डाउन के दौरान लगातार नशीली सामग्री के अवैध बिक्री एवं माफियाओ के बढ़ते आतंक एवं खुलेआम लॉक डाउन का उल्लंघन कर संचालित जुआ अड्डो के बारे में खबर लिखने पर खरसिया पुलिस को यह बात नागवार गुजरी जिस कारण 2 माह पूर्व ही रायगढ़ एसपी सन्तोष सिंह एवं एडिशनल एसपी के निर्देश पर यातायात सुरक्षा जागरूकता के लिए एसडीओपी थाना प्रभारी द्वारा बकायदा चौकी पुलिस कार्यालय में हेलमेट देकर सम्मानित किए गए वैष्णव दम्पत्ति के विरुद्ध अचानक केश पर केश लाद दिए गए।
लाकडाउन का उल्लंघन किया खरसिया पुलिस ने
इतना ही नही लॉकडाउन का पूरा पूरा उल्लंघन करते हुए रायगढ़ एसपी संतोष सिंह एवं एडिशनल एसपी अविषेक वर्मा के निर्देश पर खरसिया एसडीओपी पिताम्बर पटेल,थाना प्रभारी सुमत राम साहू एवं खरसिया चौकी प्रभारी नंद किशोर गौतम के द्वारा स्वयं धारा 144 एवं लॉक डाउन का उलंघन करते हुए न सिर्फ खरसिया के सभ्रांत नागरिक एवं वरिष्ठ पत्रकार सह अधिवक्ता भूपेन्द्र किशोर वैष्णव को यह कहते हुये की आपने माफी मांगने और कोयला तस्करी करने की बात को नही माना इस कारण वरिष्ठ अधिकारी हमे आपको हथकड़ी लगाकर घुमाने बोले हैं कहकर...खरसिया रेलवे फाटक से लेकर सब्जी मार्केट, खरसिया टाउन हॉल से लेकर पोस्ट ऑफिस रोड ,स्टेशन रोड,खरसिया पुलिस चौकी रोड लगभग 3 किलोमीटर तक हाँथ में हंथकड़ी लगाकर घुमाया गया बल्कि मामले की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इतना ही नही जैन मेडिकल चौक में पुलिस के इन नुमाइंदों ने सुनियोजित तरीके से अवैध कार्य करने वाले माफियाओं को झुंड बनाकर खुद के जिंदाबाद के नारे लगवाते हुए बकायदा हो हंगामा करवाया गया इनके द्वारा पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे भी लगवाए गए।
कोयले की तस्करी में शामिल होने खरसिया पुलिस बना रही थी दबाव खरसिया में कुनकुनी सहित विभिन्न जगहों पर संचालित कोयला साइडिंगों में कोयला के हेराफेरी में शामिल होने ट्रांसपोर्ट में गाड़ी लगाने का दबाव बना रहे थे खरसिया एसडीपीओ एवं थानेदार स्थानीय विधायक एवं मंत्री से पैर छूकर माफी मांगने बना रहे थे दबाव । पुलिस के अनर्गल बातों को नही मानने पर किया गया था प्रताड़ित।
उक्त पूरे घटना क्रम की लिखित शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली को किया गया था। जिसके निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग के द्वारा बिलासपुर रेंज के आईजी को लिखित पत्र के माध्यम से उक्त मामले की जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है।
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