सूत्र बताते हैं कि यहां के बड़े अधिकारी ने बस मालिकों को बसें खड़ा करने अनुमति दी है। वहीं जब यहां के प्रभारी अनुपम तिवारी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होनें पल्ला झाड़ते हुए पूरा मामला आरटीओ श्री शर्मा पर थोप दिया।
आरटीओ श्री शर्मा से बात करने पर पता चला कि उन्होंने केवल लॉक डाउन पीरिएड के लिए ही अनुमति दी थी। शासकीय स्थान पर निजी बसें खड़ा होना समझ के बाहर है। मामला मोटी कमाई का जो है तभी तो यहां के साहब ने इन लाखों की बसों के मालिकों को निजी जगह पर बस न रखवाते हुए निगम के बस डिपो खड़ा करवा दिया। बस डिपो में बहुत सी प्राइवेट बसें खड़ी हुई है साथ ही बताना जरूरी है की कुछ निजी बस संचालक अपनी बसों को अपने अपने स्थान पर व्यवस्थित रूप से रखते हैं वही कुछ रसूखदार बस मालिक अपनी बसों को साहब के रहमोकरम पर डिपो में रखकर उनकी साफ -सुथरी छवि को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
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