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एनएचएम कर्मचारियों का आंदोलन: शासन का दावा झूठा, 10 में से सिर्फ 1 मांग पूरी – श्याम मोहन दुबे...

बिलासपुर 26 अगस्त 2025।बिलासपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन आंदोलन 18 जुलाई 2025 से लगातार जारी है। मंगलवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने राज्य शासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि एनएचएम कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगों में से 5 मांगें पूरी कर दी गई हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि केवल 1 मांग पूरी हुई है, 2 मांगों पर आधे-अधूरे निर्णय लिए गए हैं और बाकी 7 मांगें अब तक अपूर्ण हैं।


1. नियमितीकरण कार्यकारिणी समिति की बैठक में कोई उल्लेख या चर्चा नहीं। मांग पूरी तरह अपूर्ण।


2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना – किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई। मांग अपूर्ण।


3. ग्रेड पे निर्धारण – इस पर भी कोई चर्चा नहीं। मांग अपूर्ण।


4. कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता – इस मांग पर आदेश जारी हुआ है, अतः यह मांग पूर्ण।


5. 27 प्रतिशत लंबित वेतन वृद्धि – केवल सैद्धांतिक सहमति दी गई है, वित्त विभाग की अनुमति और बजट जारी होने तक मांग अधूरी।


6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण – कोई चर्चा नहीं हुई। मांग अपूर्ण।


7. अनुकम्पा नियुक्ति – चर्चा नहीं। मांग अपूर्ण।


8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश सुविधा – आदेश जारी हुआ है, लेकिन प्रक्रिया राज्य स्तर से तय करने की शर्त अन्यायपूर्ण। अधूरी तरह से पूर्ण।


9. स्थानांतरण नीति – समिति गठित हुई, परंतु संघ के पदाधिकारियों को शामिल नहीं किया गया। अधूरी मांग।


10. 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा – वर्ष 2018 में लिए गए निर्णय पर अब तक अमल नहीं। स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों को जहां प्रतिपूर्ति सुविधा मिलती है, वहीं एनएचएम कर्मचारियों को सीमित दायरे में रखा जा रहा है। मांग अधूरी।

श्याम मोहन दुबे ने कहा कि शासन द्वारा आधिकारिक तौर पर और मीडिया के माध्यम से यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि हमारी 5 मांगे पूरी हो चुकी हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि 10 में से केवल 1 मांग पूरी हुई है, 2 मांगों पर आधे-अधूरे फैसले लिए गए हैं और शेष 7 मांगें जस की तस लंबित हैं।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि नियमितीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना और लंबित वेतन वृद्धि जैसे मुख्य मुद्दों पर शासन गंभीर नहीं है। वहीं कर्मचारी कल्याण और चिकित्सा बीमा जैसे मामलों में भी सिर्फ कागजी घोषणा की जा रही है, जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
एनएचएम कर्मचारी संघ ने साफ कहा है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। शासन द्वारा भ्रामक प्रचार और अधूरी नीतियों का कर्मचारी संघ कड़ा विरोध करता है।

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