बिलासपुर, 7 मई 2025: शासन से मिलने वाली मुआवजा राशि हड़पने के लिए एक सामान्य मृत्यु को "सर्पदंश" बताकर मुआवजा लेने की साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बिलासपुर पुलिस की गहन जांच में सामने आया है कि मृतक के परिजनों ने एक वकील और फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉक्टर की मदद से झूठी रिपोर्ट बनवाई और मुआवजे के लिए आवेदन दिया। इस षड्यंत्र में शामिल पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
क्या है पूरा मामला:
12 नवंबर 2023 को ग्राम पोड़ी निवासी शिवकुमार घृतलहरे को गंभीर अवस्था में बिल्हा सीएचसी से इलाज के लिए सिम्स अस्पताल रेफर किया गया था। परिजनों ने बताया कि उसे बाएं पैर में सांप ने काट लिया था, जिससे तबीयत बिगड़ी। दो दिन इलाज चलने के बाद 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई। इस आधार पर शव का पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सर्पदंश के आधार पर तैयार की गई।
परिजनों ने बाद में तहसील कार्यालय में शासन से मिलने वाली ₹3 लाख मुआवजा के लिए आवेदन भी प्रस्तुत कर दिया।
एसएसपी के निर्देश पर हुई जांच, सामने आए चौंकाने वाले तथ्य:
मृत्यु की परिस्थितियों पर संदेह होने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देश पर मामले की पुनः जांच शुरू की गई। जांच के दौरान शव निरीक्षण करने वाले अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि मृतक के पैर पर सांप के काटने का कोई निशान नहीं था।
साथ ही, सिम्स अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टरों ने भी पुष्टि की कि शिवकुमार को शराब और अज्ञात जहर के सेवन के चलते भर्ती कराया गया था और उसी के चलते उसकी मौत हुई। यह जानकारी परिजनों को स्वयं मृतक ने तबीयत बिगड़ने पर दी थी, जिसे उन्होंने जानबूझकर छिपाया।
वकील और डॉक्टर की भूमिका भी आई सामने:
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि वकील कामता साहू ने परिजनों को सलाह दी थी कि अगर मौत को सांप के काटने से जोड़ दिया जाए, तो शासन से मुआवजा मिल सकता है। इसके बाद डॉक्टर प्रियंका सोनी द्वारा, मृत्यु के असली कारण को जानते हुए भी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सांप के काटने का उल्लेख किया गया।
परिजनों ने - पिता पराग दास, पत्नी नीता और भाई हेमंत - ने भी इस झूठी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा प्राप्त करने के लिए आवेदन दे दिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
प्रारंभिक जांच में साजिश की पुष्टि होने पर बिल्हा थाना में अपराध क्रमांक 194/2025 के अंतर्गत धारा 420 (धोखाधड़ी), 511 (प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना जारी है और संलिप्त सभी व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का बयान
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि शासन की योजनाओं का गलत फायदा उठाने वालों के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया गया है। किसी भी स्तर पर झूठी जानकारी देकर मुआवजा हड़पने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में पारदर्शी और निष्पक्षजांच के साथ विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
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