बिलासपुर 24 नवंबर 2024।बिलासपुर जिले में चोरी और लूटपाट की बढ़ती घटनाओं ने लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आए दिन हो रही आपराधिक वारदातों से न केवल शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी दहशत में हैं। पुलिस की निष्क्रियता और अपराधियों को पकड़ने में नाकामी ने बदमाशों के हौसले इतने बुलंद कर दिए हैं कि वे खुलेआम अपनी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
रोजाना हो रही घटनाएं, पुलिस मूकदर्शक...
बिलासपुर में पिछले कुछ महीनों से चोरी और लूटपाट के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में शहर के मध्य इलाकों में राहगीरों से मोबाइल, पर्स और अन्य कीमती सामान छीनने की घटनाएं आम हो गई हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में घरों और दुकानों में सेंधमारी की खबरें लगातार आ रही हैं। हैरानी की बात यह है कि कई मामलों में सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस अब तक अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रही है।
एक स्थानीय व्यापारी, जिनके घर हाल ही में चोरी हुई थी, ने बताया, "पुलिस को पूरी जानकारी और सबूत दिए गए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा लगता है कि पुलिस इन अपराधियों के सामने बेबस हो गई है।"
एसीसीयू की निष्क्रियता पर सवाल...
संपत्ति संबंधी अपराधों को हल करने के लिए गठित एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट (एसीसीयू) की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस विशेष इकाई का मुख्य कार्य संपत्ति संबंधी अपराधों की जांच करना और दोषियों को पकड़ना है, लेकिन अब तक इसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
सूत्रों के अनुसार, कई मामलों में एसीसीयू की लापरवाही के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी। इसके अलावा, एसीसीयू के जवानों पर भ्रष्टाचार और अपराधियों से सांठगांठ के आरोप भी लग चुके हैं। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि एसीसीयू की निष्क्रियता के चलते जिले में अपराधियों के हौसले लगातार बढ़ रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज भी साबित हो रहे बेकार...
कई वारदातों में पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी सबूत उपलब्ध हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं किया जा रहा। आपको बता दे की हाल ही में दिनदहाड़े शहर के मध्य ही एक सरकारी कर्मचारी से साढ़े तीन लाख की लूट की घटना हुई है जिसके बाद पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की पूरी टीम मौके पर पहुंच गई,जांच जारी की गई जांच में सीसीटीवी भी सामने आया सीसीटीवी फुटेज में आरोपी भी देखे गए पर अब तक पुलिस विभाग की स्पेशल टीम एसीसीयू के जवान आरोपियों को पकड़ने में नाकाम साबित हुए है।आप इस घटना को देख कर ही समझ सकते है कि पुलिस विभाग की इस स्पेशल टीम का सिर्फ नाम है काम न के बराबर है।एक घटना में, एक महिला से स्कूटर सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े सोने की चेन लूट ली। पास की दुकान में लगे सीसीटीवी में पूरी घटना कैद हो गई, लेकिन एक महीने बाद भी पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई।आपको बता दे कि ऐसा ही मामला शहर के बीच का है जहां रात में एक हत्या हुई थी हत्या का आरोपी हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद शहर में बेखौफ घूम रहा था जिसके बाद भी पुलिस की स्पेशल टीम कही जाने वाली एसीसीयू आरोपी पकड़ने में नाकाम साबित हुई बड़ी बात तो तब हुई की हत्या के आरोपी ने कुछ दिन बाद एक और गंभीर वारदात को अंजाम दे दिया हालांकि पुलिस विभाग के ही कुछ जिम्मेदार जवानों ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था,तो यह कहना गलत नहीं होगा कि इस स्पेशल टीम का काम क्या है अपराध रोकना या अपराधियों को...?????
जनता में आक्रोश और भय का माहौल...
जानकारों की माने तो जिले की स्पेशल टीम एसीसीयू की नाकामी के कारण जिले में लोगों का भरोसा कानून व्यवस्था से उठता जा रहा है। चोरी और लूट की घटनाओं के बाद भी अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने से लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि यदि पुलिस इसी तरह निष्क्रिय बनी रही, तो आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है।वही जानकारों की माने तो टीम बस अपनी जेब गरम करने में लगी हुई है। सूत्र बताते है कि एसीसीयू टीम के मुख्य उच्च अधिकारी ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए है वहीं हमारे विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि दीपावली के समय यही उच्च अधिकारी फटाखा दुकान संचालकों के पास जा जाकर बेगारी करनी है कहकर चंद रुपयों की मांग की थी,सूत्र यह भी बताते है कि इन्होंने दुकान संचालकों से पैसे भी लिए थे।अब आप ही सोचे कि जब अधिकारी ही भ्रष्ट होगा तो टीम कैसी होगी।
सरकार और प्रशासन से कार्रवाई की मांग...
बढ़ते अपराध और पुलिस की लापरवाही से परेशान जनता ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। लोग चाहते हैं कि पुलिस बल को सक्रिय किया जाए और एसीसीयू की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके अलावा, चोरी और लूट की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों और तेज कार्रवाई की जरूरत है।
बिलासपुर में चोरी और लूट की बढ़ती घटनाओं ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जरूरत है कि कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जाए और अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो
यदि ऐसा नहीं हुआ तो जिले में अपराध का ग्राफ और ऊपर जाएगा, और लोगों का भरोसा पुलिस प्रशासन पर से पूरी तरह उठ जाएगा।
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