बिलासपुर 05 फरवरी 2022।बिलासपुर वो कहते है न कि प्यार के भूत में पागल आदम किसी भी हद को पार कर सकता है।प्यार में आदमी सारी हदें पार कर नई इबारत भी लिखते है। चाहे वह दशरथ मांझी जैसा नायक हो या बिलासपुर में आत्मदाह करने की कोशिश करने वाला समीर खान प्यार का नाम और बदनाम करने वालों की कहानी समय समय पर दिखती है।
अब आपको पूरी कहानी विस्तार से समझाते है।बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में बीती रात एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली जो कुछ आशिकी पर सवाल खड़ी करती है तो पुलिस की आधी रात में पुलिस की ततपरता को भी दर्शाती है।आशिकी के भूत में पगलाया समीर खान बीती रात सिविल लाइन थाने पहुंचा और अपनी प्रेमिका से नहीं मिल पाने के पागलपन में अचानक आग लगा ली,इस दौरान वहां खड़े पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते आग की लपटें समीर के तन बदन तक पहुंच चुकी थी।
इसके बाद जैसे ही पुलिस को बात समझ आई तो थाना प्रभारी शनिप रात्रे अपने केबिन से दौड़कर आएं और सिरफिरे आशिक को जैसे तैसे बचाया, आनन-फानन में थाना प्रभारी और थाने में मौजूद पुलिस टीम ने सिरफिरे समीर को अस्पताल में भर्ती कराया,बता देगी जिस प्रेमिका के चक्कर में सिरफिरे आशिक ने आग लगाई है। उसी प्रेमिका द्वारा पहले भी इस की करतूतों से परेशान होकर इसके खिलाफ थाने में शिकायत की जा चुकी है।
बिलासपुर के सिरफिरे का थाने में सिरगिट्टी में खिलाफ पूर्व में युवती ने शिकायत दर्ज कराई थी इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब सिरफिरे आशिक ने प्रेमिका से नहीं मिल पाने पर इतना बड़ा कदम उठा लिया तो वह उसके साथ किस तरह का व्यवहार करता रहा होगा।थाने में आकर आग लगाने का तात्पर्य अभी तक समझ से परे है लेकिन इन सबके बीच पुलिस की तत्परता अभी सराहनीय काम करती है जिन्होंने अपनी जान की परवाह के बिना जान जोखिम में डालकर सिरफिरे आशिक को आग से बचा लिया।
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