बिलासपुर 12 जुलाई 2025।बिलासपुर छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल दरगाह हज़रत बाबा सैयद इंसान अली शाह रहमतुल्लाह अलैह, जिसे शहंशाहे छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है, आगामी रविवार, 13 जुलाई 2025 को एक विशेष और ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनेगा। दरगाह परिसर में राज्यभर से लौटे हाजी हज्जनों के सम्मान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम माहाना उर्स के पावन अवसर पर दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पक्ष दरगाह की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण से जुड़ा है। दरगाह की वर्तमान पुरानी और क्षतिग्रस्त बाउंड्री वॉल को तोड़कर वहां लगभग 50 लाख रुपये की लागत से नई, सुदृढ़ और भव्य बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाएगा। इस कार्य के शुभारंभ हेतु संगे बुनियाद (भूमि पूजन) का आयोजन भी समारोह के दौरान किया जाएगा, जिसमें क्षेत्र के श्रद्धालु, सामाजिक प्रतिनिधि और धार्मिकजन बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
इस ऐतिहासिक आयोजन की मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है, कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वक्फ बोर्ड के सदस्य सैय्यद फैसल रिजवी करेंगे।
इसके अतिरिक्त कई विशिष्ट अतिथि भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे, जिनमें शामिल हैं
मोहम्मद इमरान खान, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी
सैय्यद मकबूल अली एवं रहमान खान, सदस्य, हज कमेटी
अखलाक खान, पूर्व अध्यक्ष, दरगाह कमेटी
हाजी सैय्यद अकबर बक्शी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता
देवेश शर्मा, जनपद सदस्य
चंद्रमणि मरावी, सरपंच, ग्राम लुतरा
तथा अन्य जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व क्षेत्रीय नागरिक
इस सम्मान समारोह में छत्तीसगढ़ की दो प्रमुख धार्मिक संस्थाओं के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का विशेष अभिनंदन भी किया जाएगा:
इन दोनों धार्मिक नेताओं को उनके सामाजिक योगदान और नेतृत्व के लिए दरगाह कमेटी द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात, शाम 4:30 बजे, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, एनटीपीसी सीपत के जाह्नवी गेस्ट हाउस में आयोजित एक विशेष बैठक में भाजपा के मंडल, जिला एवं प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से सौजन्य भेंट करेंगे। यह मुलाकात राजनीतिक सौहार्द और सामाजिक समन्वय को नई दिशा देने का कार्य करेगी।
लुतरा शरीफ में आयोजित होने वाला यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक होगा, बल्कि सामाजिक समरसता, सांप्रदायिक सौहार्द और विकासात्मक दृष्टिकोण का भी उदाहरण बनेगा। हाजी हज्जनों का सम्मान और दरगाह की भव्य बाउंड्री वॉल की नींव एक ऐसे युग की शुरुआत है, जहां आस्था के साथ प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है।
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