Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

"साहब का नया नियम: सच मत बोलो, नहीं तो नंबर गोल!"...

बिलासपुर, 07 जून 2025। बिलासपुर शहर के एक थाना क्षेत्र में अपराधियों की नहीं, अब पत्रकारों की धरपकड़ तेज़ हो गई है — लेकिन हथकड़ी से नहीं, व्हाट्सएप से! नया ट्रेंड है: "FIR नहीं, Direct Block!"
जिसे हम ‘ब्लॉक-नीति’ कहें या 'न्यूज प्रोटेक्शन एक्ट', इसका सीधा मतलब है — "सच दिखाओगे तो स्क्रीन से मिटा दिए जाओगे!"

पत्रकारिता का नया अपराध: "सच बोलने की जुर्रत"

एक पत्रकार ने जब थाने में हो रही संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग कर दी, तो साहब का पारा 440 वोल्ट पर पहुंच गया। उन्होंने तुरंत फोन उठाया — लेकिन एफआईआर लिखने नहीं, नंबर ब्लॉक करने के लिए।अब न कॉल उठता है, न मैसेज जाता है — साहब की डिजिटल दीवारें पत्रकारिता के लोकतंत्र से ऊँची हो चुकी हैं।

वर्दी की वॉर: कबाड़ी बनाम कप्तान

दूसरी तरफ, एक थाने में तो वर्दीधारी आपस में भिड़ गए — कबाड़ी दुकान पर ‘कट-कट’ का लाइव शो चला।चार पुलिसकर्मी ऐसे उलझे जैसे "बीडीओ मीटिंग" में कुर्सी बंटवारा हो रहा हो।कप्तान साहब ने भी फिल्मी अंदाज़ में जवाब दिया — सभी को लाइन हाज़िर में भेजकर "थानेदार लीग" से बाहर कर दिया।
लेकिन सवाल वही:"जब पुलिस ही लाइन में हो, तो कानून सड़क पर कैसे चलेगा?"
शहर में वायरल हो रहे एक वीडियो में शराब दुकान के बाहर लात-घूंसे की बरसात हो रही है, लेकिन पृष्ठभूमि में पुलिस की सायरन नहीं, साहब की रिंगटोन सुनाई देती है।
"ब्लॉक-ही-ब्लॉक, ब्लॉक-ही-ब्लॉक!"
लगता है थाना अब अपराध से नहीं, कॉल लॉग से संचालित हो रहा है।
थाना पॉलिसी 2025: अपराध करो, पर साहब को मत छेड़ो!नई अनौपचारिक थाना नीति कुछ यूं है "चोरी, डकैती, रेप — सब चलता है।पर पत्रकार ने भावनाएं दुखाईं?तुरंत डिजिटल दंड!"अब हाल ये है कि रेत का ट्रैक्टर निकल जाए, लोहे की रेलिंग उखड़ जाए — कोई फर्क नहीं।पर अगर किसी ने ट्वीट कर दिया कि "थाने में गड़बड़ी है"तो साहब का अंगूठा सीधे ब्लॉक बटन पर चला जाता है — बिना वॉरंट,लोकतंत्र का चौथा स्तंभ आज साहब की ब्लॉक लिस्ट में आराम कर रहा है।और अपराध?वो तो अब VIP मूवमेंट में,बिना डर के,
"अनब्लॉक मोड" में पूरे शहर में विहार कर रहा है।

Post a Comment

0 Comments