बिलासपुर, 15 जून 2025। बिलासपुर शहर के बीचोंबीच महाराणा प्रताप चौक के पास शराब दुकान के सामने चाकू की नोक पर हुई लोगों डारने धमकाने की सनसनीखेज वारदात ने सिविल लाइन थाना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर बदमाश सरेराह लोगों को चाकू दिखा कर डरा धमका रहा है,वहीं जानकारों की माने तो दूसरी ओर सिविल लाइन पेट्रोलिंग टीम पर अवैध वसूली में व्यस्त रहने के आरोप लग रहे हैं।
CCTV चीख-चीख कर गवाही दे रहा है, लेकिन पुलिस है कि जैसे "देख कर भी अनदेखा" करने की शपथ ले चुकी हो। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईशु नामक युवक हाथ में चाकू लेकर एक युवक को धमकाता है और पैसे की मांग कर रहा है,और ये सब उस इलाके में हुआ जहां पेट्रोलिंग गाड़ियों का 'शो-ऑफ' रोज़ दिखता है।
स्थानीय दुकानदारों और रहवासियों का आरोप है कि पेट्रोलिंग टीम इलाके में अपराध रोकने से ज़्यादा शराब दुकान के आसपास से 'हफ्ता' वसूली में व्यस्त रहती है। यही कारण है कि बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो दिनदहाड़े चाकू लहराकर लोगों को डरा धमका रहे है, और पुलिस सिर्फ 'शिकायत नहीं आई' का बहाना बना रही है।
क्या सिविल लाइन की गश्त सिर्फ खानापूर्ति है? क्या पुलिस की आंखें सिर्फ वसूली के पैसों पर टिकी हैं?
क्या आम आदमी की सुरक्षा अब केवल कैमरे और कागज़ों तक सिमट कर रह गई है?
इस बीच यह भी चर्चा का विषय बन गया है कि यदि कोई आम व्यक्ति ऐसी वारदात का विरोध करता है, तो उस पर उल्टा कार्रवाई की धमकी तक दी जाती है, जबकि असली अपराधी खुली छूट में घूम रहे हैं।
अब शहर की जनता जानना चाहती है,क्या पुलिस कप्तान रजनेश सिंह केवल 'मीटिंग' और 'कागज़ी कार्रवाई' तक सीमित रहेंगे, या सिविल लाइन की इस सड़ती व्यवस्था पर कोई ठोस कार्रवाई करेंगे?
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