बिलासपुर 22 अक्टूबर 2025।बिलासपुर दीपावली के समापन के साथ ही अब शहर में आस्था के सबसे बड़े पर्व छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। बिलासपुर का प्रसिद्ध तोरवा छठ घाट एक बार फिर भक्ति और श्रद्धा से सराबोर होने जा रहा है। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच, भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज के संयुक्त तत्वावधान में पिछले 25 वर्षों से यहां छठ का आयोजन हो रहा है। लगभग एक किलोमीटर लंबे इस स्थायी घाट को विश्व का सबसे बड़ा छठ घाट बताया जाता है। इस वर्ष 27 और 28 अक्टूबर को व्रती श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे।
छठ पर्व के दौरान 50 से 60 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह की अध्यक्षता में छठ पूजा समिति और संबंधित विभागों की बैठक हुई। इसमें सुरक्षा, स्वच्छता, प्रकाश, पार्किंग और यातायात व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की गई। कलेक्टर ने कहा कि “बिलासपुर का छठ अब शहर की पहचान बन चुका है, इसलिए इसे भव्य और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराया जाएगा।”
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाहनों की पार्किंग व्यवस्था बिलासा उपवन में की जाएगी। प्रवेश और निकासी के लिए अलग मार्ग तय होंगे ताकि जाम की स्थिति न बने। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि घाट की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है और बिजली विभाग स्थायी प्रकाश व्यवस्था की तैयारी कर रहा है। गुरुनानक चौक से छठ घाट तक का मार्ग भी डामर से दुरुस्त किया जाएगा।
सुरक्षा के मोर्चे पर भी प्रशासन ने अभेद व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की है। एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि घाट और आसपास के क्षेत्रों में 300 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी होगी, साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौजूद रहेंगी।
प्रशासन और समिति के बीच सामंजस्य के तहत स्थायी लाइटिंग और जलकुंड निर्माण की योजना पर भी सहमति बनी। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि “तोरवा छठ घाट को धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा।”
25 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस महापर्व में नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य के पारंपरिक अनुष्ठान होंगे। प्रशासन और समिति की संयुक्त तैयारी से उम्मीद है कि इस वर्ष बिलासपुर का छठ महापर्व और भी भव्य, सुरक्षित और ऐतिहासिक रूप में सामने आएगा।
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