Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्म पर जयकारों से गूंजा पांडाल,जिला पंचायत सभापति गौरहा ने सर्वजन के सुख समृद्धि की कामना...


बिलासपुर 08 जनवरी 2023। ग्राम पौंसरा में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे के मध्य आयोजित कथा में कथावाचक पंडित धर्मेंद्र दूबे ने श्री कृष्ण के जन्म स्वरूप कथा का वर्णन किया एवं श्री कृष्ण के जन्म पर सुंदर झांकियां प्रस्तुत की। रजक परिवार के द्वारा कथा का रसपान कराया जा रहा है जिसमें प्रतिदिन अत्यधिक संख्या में धर्म प्रेमी बंधु माताएं बहने तथा स्थानिय जनप्रतिनिधि कथा में पहुंच रहे है।

सर्वजन के सुख समृद्धि की कामना

पौंसरा रजक परिवार के निवास में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के आयोजन में जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा भी पहुंचे उन्होंने कथा श्रवण कर परम श्रद्धेय व्याश जी महाराज धर्मेंद्र दुबे जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सर्वजन के सुख समृद्धि की कामना की।

                   
श्रीमद् भागवत में कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। कथा में जैसे ही श्री कृष्ण प्रसंग आया पूरा पंडाल हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने बाल स्वरूप श्री कृष्ण के दर्शन किए और व्यास पीठ पर विराजित भागवताचार्य धर्मेंद्र दूबे ने कान्हा को दुलारा। कथा में कृष्ण प्रसंग सुनाते हुए कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि कंस के अत्याचारों के कारण ही उसने अभिमान और अनीति पूर्वक राज करने के लिए अपने पिता उग्रसेन को बंदी बना लिया था।

आकाशवाणी से अपनी भावी मृत्यु का संकेत पाकर उसने अपनी बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। वहां एक-एक करके उनके छह पुत्रों की हत्या कर दी। सातवें गर्भ में खुद शेषनाग के आने पर योग माया ने उनके देवकी के गर्भ से निकालकर वासुदेव की पहली पत्नी रोहणी के घर में स्थापित कर दिया। भगवान ने आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया। इस दौरान बालकृष्ण को कंस के कारागार से नंद बाबा के घर ले जाने की झांकी भी प्रस्तुत की गई।

कथा में रसास्वादन करवाते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी की रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ। आचार्य ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि इस एकता के भंग होने पर हुई है। भगवान ने अवतार लेकर उसे पुनः स्थापित किया है।

इस अवसर पर रीतेश शर्मा ,शिवचरण रजक ,हनी मगर व श्रद्धालुगण उपस्थित रहें।

Post a Comment

0 Comments