(फाइल फोटो)
बिलासपुर, 31 अक्तूबर 2025। बिलासपुर सकरी थाना क्षेत्र इन दिनों किसी “कैसीनो नाइट” से कम नहीं लग रहा। फर्क बस इतना है कि यहाँ एंट्री पास की जगह हजार रुपये की ‘फीस’ देनी पड़ती है और सिक्योरिटी की जिम्मेदारी भी पुलिस की नहीं, बल्कि आदतन नालदारों की अपनी टीम संभालती है,रात 11 बजे से शुरू होने वाला यह “अंडरग्राउंड फेस्टिवल” सुबह तक चलता है,और मंच सजता है घुरू-अमेरी इलाके में, जहाँ सूत्र बताते है कि बुट्टी नाम का चर्चित चेहरा ताश की महफ़िल के “स्टार परफ़ॉर्मर” हैं।
सूत्र बताते हैं कि मुख्य नालदार अपने ही घर के पीछे यह जुआ फड़ सजाता है। कहा जाता है, इस इलाके में 10 से ज्यादा चौकीदार तैनात रहते हैं, ताकि पुलिस का कोई “परिंदा” भी गलती से न फड़के।खेल का नियम सीधा है एंट्री फीस: ₹1000 प्रति जुआरी,पत्ती जीतने पर: 10% ‘नाल’ यानी टैक्स,और हारने पर “अगली रात फिर आना”!
कहते हैं थानेदार तो बदल गया, लेकिन नालदारों की किस्मत नहीं पूर्व थानेदार की सख्ती में सब गायब थे, पर नए साहब के आते ही ताश की गड्डियाँ फिर से शफ़ल हो गईं। अब बस्ती में देर रात मोटरसाइकिलों की कतारें, फुसफुसाहटें और “तीन इक्के लग गए” की गूंज आम बात हो गई है।
बस्ती के लोग अब परेशान हैं। उनका कहना है“अब तो घर के बाहर खड़े होने में भी डर लगता है। कौन कब तीन इक्के के बाद गोली चला दे, भरोसा नहीं।”कई बार सूचना पुलिस तक पहुँची, पर लगता है कि यहाँ रिपोर्ट भी तभी दर्ज होती है, जब एंट्री फीस जमा हो।अब तक न कोई दबिश, न कोई बयान लोग कहते हैं शायद थाने में “ताश की ट्रेनिंग क्लास” चल रही है“कैसे पकड़ा जाए बिना पकड़े?”सूत्रों के अनुसार, पुलिस को फड़ की पूरी जानकारी है, पर कार्रवाई का टाइम टेबल नालदार तय करते हैं।खबर वायरल होने के बाद यह फड़ किसी और बस्ती में “शिफ्ट” हो जाएगा और पुलिस वहाँ भी “सर्वे” में व्यस्त मिलेगी।आख़िरकार, इस शहर में सबसे सुरक्षित धंधा यही तो है“जुआ खेलो, बस वर्दी में मत खेलो!”
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