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मुस्लिम समाज को EWS और जाति प्रमाण पत्र से वंचित किए जाने पर आक्रोश...,जिलाधीश को सौंपा गया ज्ञापन, प्रशासनिक उदासीनता पर जताई गहरी नाराज़गी...



बिलासपुर, 20 मई 2025बिलासपुर जिले में मुस्लिम समाज के लोगों को EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) एवं जाति प्रमाण पत्र से लगातार वंचित किए जाने को लेकर समाज में गहरी नाराजगी व्याप्त है। इसी मुद्दे को लेकर आज मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश महोदय से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और इस अन्यायपूर्ण रवैये के प्रति प्रशासन को अवगत कराया।

प्रतिनिधियों ने जिलाधीश को बताया कि जिले की विभिन्न तहसीलों — विशेष रूप से रतनपुर, सीपत, तखतपुर, मस्तूरी इत्यादि में — मुस्लिम समाज के पात्र नागरिकों को नियमों का हवाला देकर प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। EWS प्रमाण पत्र, जो शिक्षा और नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण हेतु आवश्यक है, शासन के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद मुस्लिम समाज को नहीं दिया जा रहा। साथ ही, पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र के मामलों में भी प्रक्रिया को जटिल बना कर उन्हें लगातार टालने की प्रवृत्ति दिखाई जा रही है।

क्या है शासन की गाइडलाइन?

शासन के अनुसार, EWS प्रमाण पत्र उन्हीं सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को जारी किया जाना है जो आरक्षित वर्ग में नहीं आते लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसके लिए निम्न मानक निर्धारित हैं:

परिवार की कुल वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक न हो,

अधिकतम 5 एकड़ तक कृषि भूमि हो,

आवासीय क्षेत्र 1000 वर्ग फुट से अधिक न हो।


इन मानकों को पूरा करने के बावजूद तहसीलों में बैठे अधिकारी मुस्लिम समाज के लोगों के प्रकरण पंजीबद्ध ही नहीं कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों —यासीन खान (रतनपुर) और नूर अली (सीपत) — ने बताया कि अधिकारियों का रवैया टालमटोल और पूर्वग्रह से ग्रसित है। जब प्रमाण पत्र के संबंध में जानकारी मांगी जाती है तो "स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है" जैसे जवाब देकर उन्हें भटकाया जाता है।

प्रशासनिक दादागिरी से आहत समाज

प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि पहले ही मुस्लिम समाज से ओबीसी वर्ग में आरक्षण की कटौती की गई है, और अब EWS श्रेणी में भी उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। यह एक सोची-समझी प्रशासनिक उदासीनता और अल्पसंख्यक समाज के प्रति भेदभाव का प्रतीक है। वर्तमान समय में जब स्कूल और कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है, EWS प्रमाण पत्र के अभाव में कई छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में पड़ सकता है।

जिलाधीश ने दिया भरोसा

जिलाधीश महोदय ने प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया और संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार आवश्यक निर्देश देने की बात कही।

बड़े आंदोलन की चेतावनी

मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र ही इस मामले में सुधार नहीं किया गया और पात्र नागरिकों को प्रमाण पत्र नहीं मिले, तो समाज की विस्तृत बैठक कर आगामी दिनों में बड़ा जनांदोलन छेड़ा जाएगा। समाज अब इस अन्याय के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार है।

ज्ञापन देने वालों में शामिल प्रमुख लोग

इस अवसर पर शहज़ादी क़ुरैशी (पार्षद), समीर अहमद (बबला), शिबली मेराज खान, शेख़ निज़ामुद्दीन (दुलारे), फ़ारुख खान, शेरू असलम, आदिल आलम खेरनी, आसिफ़ मेमन, इमरान खोखर, अयाज़ खान, इखलाक खान, मज़हर खान, जीशान खान, काशिफ़ अली, आदिल खान सहित कई लोग उपस्थित थे।

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